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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि अभी जो सरकार है उसमें प्रधानमंत्री के शब्द अंतिम होते हैं। जेटली ने यह टिप्पणी डॉ. सिंह के उस बयान के जवाब में की जिसमें उन्होंने कहा था- 'नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिये कि वे पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं।' डॉ. सिंह की सलाह के जवाब में जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर 'डॉ. मनमोहन सिंह को अपनी पार्टी को क्या सलाह देनी चाहिये' शीर्षक से लिखी पोस्ट में लिखा- 'पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बहुत कम ही बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं तो पूरा देश उन्हें ध्यान से सुनता है।

वे देश की बुद्धिमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनसे निष्पक्ष बने रहने की अपेक्षा की जाती है और यह उम्मीद की जाती है कि देशहित में वे अपनी पार्टी को भी मजबूत संदेश दें। मैं डॉ. सिंह का बहुत सम्मान करता हूं। मैंने हाल ही में 'इंडिया टुडे' में एक इंटरव्यू पढ़ा जिसमें उन्होंने खासतौर पर प्रधानमंत्री और सरकार विपक्ष की राय नहीं ले रही है। उन्हें लगता है कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये काम नहीं कर रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि यदि डॉ. सिंह मौजूदा सरकार का निष्पक्ष विश्लेषण करें तो उन्हें लगेगा कि भारत में ऐसी सरकार है जहां प्रधानमंत्री के शब्द अंतिम होते हैं। जहां संसाधनों का आवंटन पारदर्शी प्रक्रिया से होता है। जहां उद्योगपति अपनी फाइलों की मंजूरी के लिये नॉर्थ ब्लॉक के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। जहां पर्यावरणीय मंजूरी के मामले अटकते नहीं हैं। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने लिखा कि क्या सरकार के काम करने के तरीके में कोई अंतर आया? यूपीए सरकार के समय में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने बोर्ड या नॉर्थ ब्लॉक से बड़ी मुश्किल से चल पाते थे, वे '24 अकबर रोड' (कांग्रेस हेड ऑफिस) से चलते थे। बिजली और इन्फ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियां यूपीए सरकार ने देखी ही नहीं, उनसे हम निपट रहे हैं। कई लंबित इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अब आगे बढ़ने लगे हैं। भारत ने 'पॉलिसी पैरालिसिस' से 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' तक का सफर तय किया है। वित्त मंत्री ने अपनी पोस्ट में जीएसटी का भी जिक्र किया और कहा कि जहां तक विपक्ष से राय लेने की बात है तो कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दलों ने जीएसटी को सपोर्ट किया है। कांग्रेस ने पलटी मार ली है। संसदीय कार्य मंत्री और मैंने खुद संसद में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को अपनी पार्टी को सलाह देनी चाहिए।

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