नई दिल्ली(जनादेश ब्यूरो): जेएनयू में देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से जांच कराई जा सकती है। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में बयान दिया है कि जेएनयू में जो हुआ, उसे हाफिज़ का समर्थन हासिल था। गृहमंत्री ने कहा कि जेएनयू में जो देश विरोधी नारे लगे, उन्हें हाफिज़ का समर्थन हासिल था। इस पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ नारे लगाने वालों को माफी नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा- मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से गुजारिश करता हूं कि जब भी भारत विरोधी नारे लगाए जाने जैसी स्थिति आए, पूरे राष्ट्र को एक ही सुर में बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने साफ कहा कि देश विरोधी नारे लगानेवालों को माफ़ी नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि जेएनयू में कथित 'देशद्रोह' के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से जांच कराई जा सकती है। स्थानीय पुलिस ने इस बाबत औपचारिक रूप से इस केस के ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।
पुलिस ने कहा है कि यह देशद्रोह का मामला है और इसके आतंकवादियों से लिंक होने की भी आशंका हो सकती है। शनिवार को जेएनयू में देश विरोधी नारेबाज़ी के मामले में दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं और डीएम से 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, जेडीयू के केसी त्यागी ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलकर इसकी मांग की थी, जिसके कुछ ही घंटे बाद दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर दिया था। केजरीवाल से मिलने पहुंचे नेताओं का मानना है कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ़्तारी के पीछे जिस वीडियो को आधार बनाया जा रहा है, वह सही नहीं हैं। ऐसे में मजिस्ट्रेट जांच से ही सच्चाई सामने आएगी। इस बीच जेएनयू छात्रसंघ ने सोमवार को हड़ताल का ऐलान किया है। वहीं भाजपा की छात्र शाखा एबीवीपी ने भी अपने सदस्यों के इस तरह की नारेबाज़ी में शामिल होने की बात से इंकार किया है। शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा भी जेएनयू कैंपस पहुंचे थे। आनंद ने आरोप लगाया कि वहां उन पर एबीवीपी छात्रों द्वारा हमला किया गया और शर्मा ने इसकी रिपोर्ट भी पुलिस में दर्ज करवा दी गई है। जेएनयू कैंपस तब विवादों के घेरे में आ गया जब फांसी की सज़ा पा चुके अफज़ल गुरु पर परिसर में एक कार्यक्रम हो रहा था और वहां राष्ट्र-विरोधी नारे सुने गए। शुक्रवार को मामला और गरमा गया जब छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देश द्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल पुलिस को पांच छात्रों की तलाश है जो इस मामले में कथित तौर पर शामिल थे।