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नई दिल्ली: सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्होंने 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।

19 अगस्त को एम्स दिल्ली में एडमिट किए गए थे येचुरी

सीताराम येचुरी को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया था। सीतारमण येचुरी को 19 अगस्त में सीने में संक्रमण के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया। इससे पहले मंगलवार को सीपीआई-एम ने बयान जारी कर कहा था, येचुरी को आईसीयू में रखा गया है, जहां उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा है।

1974 में की थी राजनीति की शुरुआत

येचुरी ने 2015 में प्रकाश करात की जगह सीपीएम महासचिव का पद संभाला था। येचुरी ने 1974 में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। इसके कुछ दिन बाद वे सीपीआई एम के सदस्य बन गए। बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

 राजनेताओं ने सीताराम येचुरी को दी श्रद्धांजलि 

वरिष्ठ नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सर्वादी) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन के बाद राजनेताओ ने शोक व्यक्त किया है। गुरुवार को राहुल गांधी समेत कई राजनेताओं ने सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी।

सीपीआई एम के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा कि सीताराम येचुरी के निधन से दुःख हुआ। वह वामपंथ के अग्रणी प्रकाश थे और राजनीतिक स्पेक्ट्रम से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा कि सीताराम येचुरी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। पहले एक छात्र नेता और फिर राष्ट्रीय राजनीति में सांसद के रूप में उनकी एक विशिष्ट और प्रभावशाली पहचान थी। एक प्रतिबद्ध विचारक होते हुए भी उन्होंने पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर मित्र बनाए। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि वह देश की गहरी समझ रखने वाले और भारत के विचार के रक्षक थे। सीताराम येचुरी जी एक मित्र थे। मैं हमारे बीच होने वाली लंबी चर्चाओं को याद करूंगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सीताराम येचुरी का निधन हम सभी के लिए एक गहरी क्षति है। हमारे देश के प्रति उनकी वर्षों की सेवा और समर्पण सम्मान के योग्य है। वह स्वाभाविक रूप से एक सभ्य इंसान थे, जो राजनीति की कठोर दुनिया में संतुलन और सौम्यता की भावना लेकर आए। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके प्रियजनों को इस त्रासदी का सामना करने की शक्ति और साहस मिले।

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लिखा कि अनुभवी सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह भारतीय राजनीति की सबसे सम्मानित आवाज़ों में से एक दिग्गज व्यक्ति थे। वह मुद्दों पर अपनी बौद्धिक सोच और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ उनकी गहन बहसों ने उन्हें अपनी पार्टी से परे भी पहचान दिलाई। उनके परिवार, साथियों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उसकी आत्मा को शांति मिले।

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी सीपीआई नेता सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन से गहरा दुख हुआ। वह एक अच्छे इंसान और बहुभाषी विद्वान थे। उन्होंने अपने ज्ञान, बुद्धि और अटूट दृढ़ विश्वास से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध किया। उन्होंने यूपीए-एक सरकार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और न्यूनतम साझा कार्यक्रमों का मसौदा तैयार करने का नेतृत्व किया। इसने महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत के नीतिगत दृष्टिकोण को बदल दिया।

सिद्धारमैया ने लिखा कि इंडिया गठबंधन बनाने में उनकी भूमिका और राज्यसभा में उनके प्रभावशाली हस्तक्षेप ने उन्हें पूरे राजनीतिक क्षेत्र में सम्मान दिलाया। 2023 में मेरे शपथ ग्रहण समारोह में उनकी उपस्थिति एक यादगार स्मृति है। उनके परिवार और साथियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सीपीआई (एम) के महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन से गहरा दुख हुआ है। हाशिए पर मौजूद लोगों को सशक्त बनाने और फासीवादी ताकतों से लड़ने की उनकी आजीवन प्रतिबद्धता ने समाज में गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने डीएमके और हमारे माननीय मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र को बनाए रखा। सीपीआई (एम) कैडरों और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उनका निधन प्रगतिशील राजनीति और वामपंथी विचारधारा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रिय मित्र सीताराम येचुरी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख और सदमा लगा। हमने एक महान राजनेता, एक समर्पित सांसद और एक उल्लेखनीय इंसान खो दिया है। उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक जबरदस्त क्षति है। उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।

केंद्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे सीताराम येचुरी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ। वह एम्स में भर्ती थे। यह वास्तव में दुखद है कि उनका निधन हो गया। वह जेएनयू में मेरे सीनियर थे। यह कम्युनिस्ट पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह सीपीआई एम, दोस्तों और परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं भी एक तरह की व्यक्तिगत क्षति महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैं उन्हें लंबे समय से जानता था। हम सभी उम्र के हिसाब से समकालीन हैं। हमने लगभग एक ही समय में सक्रिय राजनीति में रुचि लेना शुरू किया था। वह दृढ़ विश्वास वाले व्यक्ति थे, जो अपने विचारों और आदर्शों पर अडिग थे। मैं उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि सीताराम येचुरी मेरे बहुत अजीज दोस्त थे। आज हिंदुस्तान बेटोक बात करने वाले नेता से महरूम हो गया है। उनका विचार था कि यह वतन हम सभी का है चाहें आप किसी भी बोली के हों और इसे ऐसे ही रहने दिया जाए। हर एक को इस वतन और दुनिया से जाना ही है। सीताराम येचुरी ने हमारे लिए क्या-क्या लड़ाईयां नहीं लड़ीं। यकीन नहीं होता है कि वे हमारे बीच नहीं हैं। मैं इस गम में शरीक हूं।

सीपीआई एम के महासचिव डी. राजा ने कहा कि हमने अलग-अलग मुद्दों पर साथ मिलकर काम किया। हमने वामपंथी एकता, कम्युनिस्ट एकता को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम किया। वह एक महान व्यक्ति थे। हम दोनों संसद में साथ थे, साथ मिलकर काम किया। यह पूरे वामपंथी, कम्युनिस्ट पक्ष के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं एम्स में अपनी पार्टी के दुख को व्यक्त करने आया हूं।

राजद नेता मनोज झा ने कहा कि इस पर भरोसा ही नहीं हो रहा है। कुछ ही समय पहले ही सीताराम येचुरी से मुलाकात हुई थी। बीते दिनों मैं उनसे लगातार संपर्क में रहा। लालू यादव के साथ उनका एक लंबा संगठन रहा। ये उम्र जाने की नहीं थी। अभी बहुत कुछ बाकी था। उनके परिवार, साथियों को ईश्वर संबल दें।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सीताराम येचुरी जी ने देश की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी कमी सभी को महसूस होगी। वह अपनी विचारधाराओं के प्रति दृढ़ थे लेकिन उन्होंने कभी किसी के बारे में बुरा नहीं बोला। वह एक महान वक्ता, सांसद और एक महान व्यक्ति थे।

पूर्व कांग्रेस नेता और डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने भी सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि लंबी बीमारी के बाद अनुभवी सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर बहस के दौरान वाकपटु, विद्वान और मिलनसार नेता की कमी खलेगी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के साथ हैं।

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