नई दिल्ली: देश आज (मंगलवार) 67वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंग और रक्षा क्षेत्र की ताकत का दुनिया के सामने प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजली दी। इसके बाद पीएम ने राजपथ पर मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद का स्वागत किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजपथ पर तिरंगा फहराया। आज ही के दिन 1950 में देश ने मौजूदा संविधान को अपनाया था और तब से लेकर आज तक हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मना रहे हैं। परेड में फ्रांस की टुकड़ी ने मार्च पास्ट किया। यह पहला मौका है जब किसी दूसरे देश की टुकड़ी ने राजपथ पर मार्चपास्ट किया।
परेड में 26 साल के बाद सेना के श्वान (कुत्ता) दस्ते ने भी अपने हैंडलर्स के साथ भाग लिया। परेड में सेना के पैराशूट रेजिमेंट के जवानों ने हिस्सा लिया। पैराशूट रेजिमेंट की स्थापना 1952 में हुई थी। विशेष तरह के ऑपरेशन में अहम भूमिका है। 200 साल पुरानी राजपूत रेजिमेंट और 127 साल पुरानी गढ़वाल रेजिमेंट भी कदम से कदम मिलाती दिखी। असम रेजिमेंट और गोरखा राइफल्स के जवान भी कंधे से कंधा मिलकर चलते दिखाई दिए। पहली बार पूर्व सैनिकों को समर्पित झांकी भी परेड में शामिल हुई। राजपथ पर संस्कृति और देश के उज्ज्वल भविष्य की झलक भी दिखाई। गोवा की झांकी में यहां की जागोर जनजाति की झलक दिखाई गई। गुजरात की झांकी में गौरव की पहचान गीर के जंगल दिखाए गए। सिक्किम की झांकी में सागा दाबा, बुद्ध जयंती उत्सव को पेश किया गया। जम्मू-कश्मीर की झांकी में मेरा गांव मेरा जहां यानी स्वच्छ एवं हरित अभियान का प्रचार किया गया। राजस्थान की झांकी जयपुर के गौरव हवा महल को दिखाया गया। हवा महल को 1799 में सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। चंडीगढ़ की झांकी में सपनों के शहर में खुला स्वागत करते दिखाया गया। ओडिशा की झांकी में बंदाण महोत्सव दिखाया गया। बिहार की झांकी में चंपारण सत्याग्रह को प्रदर्शित किया गया। कर्नाटक की झांकी में कॉफ़ी की धरती कोडगु को दिखाया गया। छत्तीसगढ़ की झांकी में खैरागढ़ कला एवं संगीत विश्वविद्यालय को दिखाया गया। तमिलनाडु की झांकी में थोडा जनजाति की झलक दिखाई गई। उत्तराखंड की झांकी में रम्माण उत्सव की झलक दिखी। उत्तर प्रदेश की झांकी में जरदोई कला प्रदर्शित की गई। असम की झांकी में रोंगाली बीहू की झलक पेश की गई। गणतंत्र दिवस के चलते राष्ट्रीय राजधानी के इर्द-गिर्द सुरक्षा के कई कवच तैयार किए गए हैं। शहर में महत्वपूर्ण ठिकानों को आतंकी समूहों द्वारा निशाना बनाने की खुफिया सूचना के मद्देनजर अहम बिंदुओं पर एंटी एयरक्राफ्ट गन और एलएमजी को तैनात किया गया है। गनरों को बिना अनुमति के कोई भी हवाई वस्तु की उड़ान देखने पर उसे नीचे गिरा देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। सुबह में दस बजकर 35 मिनट से सवा बारह बजे तक नोटम (वायुसैनिकों को नोटिस) घोषित किया गया है। इस दौरान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ना तो कोई विमान उतरेगा ना ही उड़ान भर सकेगा। ऐतिहासिक राजपथ पर विशेष इंतजाम किए गए हैं, जहां रक्षा सेवाओं के कमांडर इन चीफ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी देश की सैन्य शक्ति का जायजा लेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एहतियाती तौर पर परेड होने वाले मार्ग पर 10 बिंदुओं पर एलएमजी तैनात किया गया है। हल्के मशीन गन के साथ विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को नई दिल्ली के 10 अहम ठिकानों पर तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के पूरे अमले के साथ ही अर्धसैन्य बलों से कर्मियों को भी सुरक्षा सेवा में तैनात किया गया है।