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नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को साफ कहा है कि पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकवादी हमले से जुड़े उन सबूतों पर पाकिस्तान को 'त्वरित तथा निर्णायक कार्रवाई' करनी ही होगी।इससे यह संकेत मिलते हैं कि पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई के अभाव में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच इसी माह होने वाली महत्वपूर्ण बातचीत का होना मुमकिन नहीं हो पाएगा। भारतीय विदेश प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, "गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है... और इस वक्त का मुद्दा पाकिस्तान की प्रतिक्रिया है..." उन्होंने कहा, "हम पड़ोसी देश से शांति चाहते हैं और इस मसले पर हमारी नीति बिल्‍कुल साफ है... लेकिन सीमा पार से हमला बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा... अब पहल पाकिस्‍तान को करनी है... पठानकोट हमले पर भारत की तरफ से पड़ोसी मुल्‍क को सबूत दिए गए हैं, सो, अब उन सुरागों के आधार पर पाकिस्‍तान कार्रवाई करे"

उधर, पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने गुरुवार को विदेशमंत्री सरताज अज़ीज़ और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर भारत द्वारा मुहैया करवाए गए सबूतों की समीक्षा की। इन सबूतों में इन्टरसेप्ट की हुई उन फोन कॉलों के रिकॉर्ड भी शामिल हैं, जो पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमला करने वाले छह आतंकवादियों ने की थीं। दो दिन पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर बातचीत के दौरान नवाज़ शरीफ को साफ-साफ बताया था कि भारत उन लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई चाहता है, जिन्होंने इस हमले की साज़िश रची, और हमला करवाया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल ने भी हाल के दिनों में कम से कम दो बार अपने पाकिस्तानी समकक्ष नासिर झांझुआ से बात की है, और आतंकवादियों के पाकिस्तान से संपर्क के सबूत उन्हें दिए हैं। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी जानकारी दी थी कि आतंकवादियों के मारे जाने के बाद उनके पास से जो हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है, वह पाकिस्तान निर्मित हैं। दरअसल, नए साल पर हुआ यह हमला भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रिसमस के मौके पर अचानक की गई पाकिस्तान यात्रा के सिर्फ एक सप्ताह बाद हुआ। मोदी ने वह यात्रा इसलिए की थी, ताकि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया जारी रखने के प्रति दोनों नेताओं की प्रतिबद्धता को दर्शाया जा सके। दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच भी इस महीने की 14 और 15 तारीख को इस्लामाबाद में मुलाकात होनी है, हालांकि भारत की ओर से आधिकारिक रूप से तारीखों की कोई घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि अब सरकार बातचीत को टालने के विकल्प पर विचार कर रही है, और उनका कहना है कि अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है, ताकि वे अगले कुछ दिनों में कोई कार्रवाई करे।

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