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न्यूयार्क: भारतीय टेनिस स्टार लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना अपने अपने जोड़ीदारों के साथ अमेरिकी ओपन के दूसरे दौर में पहुंच गए।मिश्रित युगल में गत चैम्पियन पेस और स्विटजरलैंड की मार्तिना हिंगिस ने पहले दौर में अमेरिका की साचिया विकेरी और फ्रांसिस टियाफो की जोड़ी को 6-3, 6-2 से मात दी। अब उनका सामना आस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा और कोलंबिया की जुआन सेबेस्टियन काबाल और सातवीं वरीयता प्राप्त अमेरिका की कोको वेंडेवेगे और राजीव राम की जोड़ी के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। महिला युगल में सातवीं वरीयता प्राप्त सानिया और चेक गणराज्य की बारबरा स्ट्रायकोवा की जोड़ी ने अमेरिका के जाडा एम हार्ट और एना शिबाहारा को 6-3, 6-2 से मात दी। अब उनका सामना स्विटजरलैंड की विक्टोरिया गोलुबिच और अमेरिका के निकोल मेलिचर और अमेरिका के मेडिसन ब्रेंगले और जर्मनी की तत्जाना मारिया के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। पुरूष युगल में रोहन बोपन्ना और डेनमार्क के फ्रेडरिक नीलसन ने 16वीं वरीयता प्राप्त चेक गणराज्य के राडेक स्टेपानेक और सर्बिया के नेनाद जिमोंजिच को 6-3, 6-7, 6-3 से मात दी।

नई दिल्ली: साइना नेहवाल और पीवी सिंधू के ओलंपिक खेलों में लगातार मार्गदर्शन करने वाले मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और आईआईटी परीक्षा पास नहीं कर पाने से उनके सफल खिलाड़ी बनने का रास्ता खुल गया। खेलों के विषय पर चर्चा करते हुए गोपीचंद ने कहा, ‘मैं और मेरा भाई दोनों खेलों में हिस्सा लेते थे। वह खेलों में शानदार था और अब मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली था कि मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था।’ उन्होंने अपने सम्मान समारोह के दौरान कहा, ‘वह स्टेट चैम्पियन था। उसने आईआईटी परीक्षा दी और पास हो गया। वह आईआईटी गया और खेलना छोड़ दिया। इंजीनियरिंग की परीक्षा दी और फेल हो गया। खेलना जारी रखा और देखिये अब मैं कहां खड़ा हूं। मुझे लगता है कि आपको एकाग्र और कभी-कभी भाग्यशाली होना चाहिए।’ गोपीचंद 2001 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने और इसके बाद उन्होंने संन्यास लेकर अपनी अकादमी खोलने का फैसला किया। अकादमी खोलने की उनकी राह आसान नहीं रही। गोपीचंद ने बताया, ‘मुझे याद है कि कुछ साल पहले मैं सार्वजनिक क्षेत्र की एक कंपनी के पास गया। मुझे सुबह 9.00 बजे से शाम 5.30 बजे तक लगातार तीन दिन बैठाया गया और तीन दिन बाद शाम को एक बड़े पदाधिकारी ने मेरे पास आकर कहा कि बैडमिंटन में वैश्विक खेल बनने की क्षमता नहीं है।’

न्यूयार्क: विंबलडन चैम्पियन एंडी मरे और सेरेना विलियम्स ने आज यहां एकतरफा मुकाबलों में जीत दर्ज करते हुए अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में जगह बनाई। सेरेना ने दुनिया की 29वें नंबर की खिलाड़ी रूस की एकाटेरिना मकारोवा को 6-3, 6-3 से हराया। पिछले कुछ समय से बायें कंधे को लेकर परेशान रही सेरेना आज बिलकुल भी दिक्कत में नहीं लगी और उन्होंने 63 मिनट चले मुकाबले में एक दर्जन ऐस लगाने के अलावा 27 विनर भी लगाए। सेरेना के पास इतिहास रचने का मौका है और अगर वह यहां खिताब जीत लेती हैं तो ओपन युग में सर्वाधिक 22 एकल ग्रैंडस्लैम खिताब का रिकार्ड अपने नाम कर लेंगी। अभी उनके जर्मनी की स्टेफी ग्राफ के बराबर 21 खिताब हैं। सर्वकालिक रिकार्ड मारग्रेट कोर्ट के नाम है जिन्होंने 24 मेजर खिताब जीते। सेरेना पिछले कुछ समय से खिताब जीतने के लिए जूझ रही हैं वहीं मरे ने आल इंग्लैंड क्लब में अपना दूसरा खिताब जीतने के बाद रियो ओलंपिक में अपने खिताब का बचाव भी किया। ओपन युग में एक ही कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम के फाइनल में जगह बनाने वाला चौथा पुरूष खिलाड़ी बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे मरे ने भी एकतरफा मुकाबले में चेक गणराज्य के लुकास रोसोल को 6-3, 6-2, 6-2 से हराया। सेरेना की बड़ी बहन वीनस ने भी रिकार्ड 72वीं बार किसी मेजर टूर्नामेंट के मुख्य ड्रा में खेलते हुए उक्रेन की कैटरीना कोजलोवा को 6-2, 5-7, 6-4 से हराया।

नई दिल्ली: भारत के चोटी के पहलवान योगेश्वर दत्त को लंदन ओलंपिक 2012 के अपने कांस्य पदक के रजत पदक में बदलने के लिये तब तक इंतजार करना पड़ेगा जब तक कि विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) उनके नमूने को साफ सुथरा करार नहीं देती है। रिपोर्टों के अनुसार इस पहलवान का कांस्य पदक अब रजत पदक में बदल जाएगा क्योंकि लंदन खेलों में दूसरे स्थान पर रहने वाले रूस के बेसिक कुदुखोव डोप परीक्षण में नाकाम रहे हैं और उनका पदक छीन लिया गया है। इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यहां तक कि योगेश्वर को पदक सौंपने से पहले उन्हें भी 2012 के अपने परीक्षण में पाक साफ उतरना होगा। अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘योगेश्वर का भी परीक्षण किया जाएगा और जब उनका डोप परीक्षण साफ आ जाएगा तो उन्हें रजत पदक सौंप दिया जाएगा।’ वाडा के संशोधित नियमों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के दौरान लिये गये डोप के नमूने 10 साल तक फ्रीज में रखे जाते हैं ताकि समय के साथ उन्नत तकनीक आने पर उनका परीक्षण किया जा सके और यह सुनिश्चित हो सके कि भले ही देर से लेकिन ईमानदार खिलाड़ी को न्याय मिले।

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