नई दिल्ली: ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद ने आज कहा कि यदि देश में जमीनी स्तर पर प्रतिभा को निखारकर खेल संस्कृति का विकास किया जाता है तो फिर भारत भी ओलंपिक में अधिक पदक जीत सकता है। रियो ओलंपिक में सिंधु ने रजत और पहलवान साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीतकर भारत को शर्मसार होने से बचाया था। गोपीचंद ने कहा, ‘जब मैं खेला करता था तब से काफी समय बीत चुका है। आजकल सरकार की तरफ से बहुत अधिक सहयोग मिल रहा है। शीर्ष एथलीटों के लिये हर तरह की मदद है लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास नहीं हो रहा है।’ उन्होंने यहां पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘स्कूलों में खेल महत्वपूर्ण है। जब तक हमारे पास विभिन्न खेलों के लिये बहुत बड़ा पूल तैयार नहीं होता तब तक पद जीतना बहुत मुश्किल होगा।’ गोपीचंद ने कहा, ‘हमारी जनसंख्या बहुत ज्यादा है और इसलिए यह (खेल संस्कृति का विकास) अधिक चुनौतीपूर्ण बन गया है। हमारे कई युवा खिलाड़ी बीच में ही खेल को छोड़ देते हैं।’ गोपीचंद के साथ सिंधु भी बैठी थी जिन्हें दिन में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने खुलासा किया कि रियो ओलंपिक में सेमीफाइनल खेलने से पहले उन्होंने तय कर लिया था इस बार उन्हें बड़ा पदक जीतना है। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद फाइनल में मैं कैरोलिना मारिन के खिलाफ जीत दर्ज करने के लक्ष्य से उतरी थी।
हम दोनों एक दूसरे के खिलाफ कई बार खेले हैं और मैंने पिछले साल डेनमार्क में उसे हराया था और इसलिए मैं मैच में उतरने से पहले आत्मविश्वास से भरी थी। लेकिन उसने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया और वह जीत की हकदार थी।’ गोपीचंद ने कहा कि सिंधु को कोर्ट पर अधिक आक्रामक बनाने के लिये उन्हें अभी और मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट पर अब वह अपनी भावनाएं व्यक्त करती है लेकिन इस मामले में कैरोलिना से काफी पीछे है। मुझे अब यह सुनिश्चित करना होगा कि अगली बार जब वह उससे खेले तो उसे उसी के अंदाज में जवाब दे।’