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नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने रियो ओलंपिक में भाग लेने वाले हर भारतीय खिलाड़ी को एक लाख एक हजार रूपये देने का अपना वादा निभाते हुए भारतीय ओलंपिक संघ से खिलाड़ियों का ब्यौरा मंगवाया है। इस साल रियो ओलंपिक में भारतीय दल के सद्भावना दूत रहे सलमान ने हर ओलंपियन को एक लाख एक हजार रूपये देने का वादा किया था। आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा, ‘सलमान खान ने मुझे सोमवार को पत्र भेजा है जिसमें उन्हें रियो ओलंपिक में भारतीय दल का सद्भावना दूत बनाने के लिए धन्यवाद दिया गया है। उन्होंने मुझसे रियो ओलंपिक में भाग लेने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों का पेन नंबर भेजने को कहा है।’ मेहता ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि वह सभी को एक लाख एक हजार रूपये देंगे। वह आईओए के जरिये रियो ओलंपिक में भाग ले चुके सभी भारतीयों को चेक भेजेंगे। वह इतने बड़े सुपरस्टार हैं लेकिन उन्होंने प्रोटोकॉल का अनुसरण किया है। वह आईओए के जरिये अपना काम कर रहे हैं। हमें बहुत खुशी है कि हमने उन्हें सद्भावना दूत बनाया।’
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नई दिल्ली: पहलवान योगेश्वर दत्त रियो ओलिंपिक से भले ही खाली हाथ लौट आए हों लेकिन अब उनको एक सांत्वना पुरस्कार मिलने जा रहा है। दरअसल 2012 लंदन ओलिंपिक के दौरान जो उन्होंने कांस्य पदक जीता था, वह अब अपग्रेड होकर सिल्वर का होने जा रहा है। वास्तव में ये उनके लिए भी सुखद आश्चर्य से कम नहीं होगा. ऐसा इसलिए होने जा रहा है क्योंकि जिस रूसी पहलवान ने उस उस दौरान सिल्वर मेडल हासिल किया था, उसका डोप टेस्ट पॉजिटिव निकला है। यानी वह डोपिंग की परीक्षा में फेल हो गया। उल्लेखनीय है कि लंदन ओलिंपिक में 60 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्द्धा में रूस के बेसिक कुदुखोव ने सिल्वर मेडल जीता था और योगेश्वर को कांस्य मिला था। लेकिन अब बेसिक का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के कारण वह तमगा कांस्य पदक विजेता रहे योगेश्वर को दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुदुखोव की 27 साल की उम्र में 2013 में रूस में कार दुर्घटना में मौत हो चुकी है। लेकिन इस महीने रियो ओलिंपिक से पहले अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने लंदन ओलिंपिक के दौरान एकत्र किए सैंपलों का फिर से परीक्षण किया था। दरअसल यह एक स्टैंडर्ड अभ्यास के तहत किया जाता है और ऐसे सैंपलों को 10 साल तक संरक्षित रखा जाता है। इसका मकसद एडंवास टेस्ट परीक्षणों के द्वारा ऐसे सैंपलों का परीक्षण करना होता है ताकि कोई गलत तरीके से यदि सफल हुआ है तो उस गलती को सुधारा जा सके।
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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने ओलंपिक रजत पदकधारी पीवी सिंधु को अपना ब्रांड एम्बसेडर नियुक्त करने और इस शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी को कमांडैंट की मानद रैंक प्रदान करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीआरपीएफ ने इस संबंध में गृह मंत्रालय को इस संबंध में एक आधिकारिक प्रस्ताव भी भेज दिया है और जरूरी मंजूरी मिलने के बाद सिंधु को एक समारोह में इस रैंक से सम्मानित किया जायेगा और उन्हें यह बैज सौंपा जायेगा जहां उन्हें सीआरपीएफ की वर्दी भी दी जायेगी। पता चला है कि सिंधु को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है और इस संबंध में सीआरपीएफ ने उनकी सहमति ले ली है। सीआरपीएफ में कमांडैंट की रैंक पुलिस अधीक्षक के दर्जे के बराबर है और इस दर्जे का अधिकारी जब तैनात हो तो 1,000 सैनिकों की बटालियन को आदेश दे सकता है। कुछ वर्ष पहले सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ ने क्रिकेटर विराट कोहली को अपना ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया था।
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नई दिल्ली: ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद ने आज कहा कि यदि देश में जमीनी स्तर पर प्रतिभा को निखारकर खेल संस्कृति का विकास किया जाता है तो फिर भारत भी ओलंपिक में अधिक पदक जीत सकता है। रियो ओलंपिक में सिंधु ने रजत और पहलवान साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीतकर भारत को शर्मसार होने से बचाया था। गोपीचंद ने कहा, ‘जब मैं खेला करता था तब से काफी समय बीत चुका है। आजकल सरकार की तरफ से बहुत अधिक सहयोग मिल रहा है। शीर्ष एथलीटों के लिये हर तरह की मदद है लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास नहीं हो रहा है।’ उन्होंने यहां पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘स्कूलों में खेल महत्वपूर्ण है। जब तक हमारे पास विभिन्न खेलों के लिये बहुत बड़ा पूल तैयार नहीं होता तब तक पद जीतना बहुत मुश्किल होगा।’ गोपीचंद ने कहा, ‘हमारी जनसंख्या बहुत ज्यादा है और इसलिए यह (खेल संस्कृति का विकास) अधिक चुनौतीपूर्ण बन गया है। हमारे कई युवा खिलाड़ी बीच में ही खेल को छोड़ देते हैं।’ गोपीचंद के साथ सिंधु भी बैठी थी जिन्हें दिन में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने खुलासा किया कि रियो ओलंपिक में सेमीफाइनल खेलने से पहले उन्होंने तय कर लिया था इस बार उन्हें बड़ा पदक जीतना है। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद फाइनल में मैं कैरोलिना मारिन के खिलाफ जीत दर्ज करने के लक्ष्य से उतरी थी।
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