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नई दिल्ली: भारत की आर्थिक विकास दर जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 4.7 फीसदी रह सकती है। दरअसल, फिच समूह की कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह अनुमान जाहिर किया है। इस प्रकार रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में लगातार चौथी बार जीडीपी विकास अनुमान में कटौती की है। इस साल अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 5 फीसदी रही थी, जो 2013 से अब तक सबसे कम थी। अब चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.7 फीसदी विकास दर का अनुमान सही होता है तो यह 2012 के बाद पहली बार लगातार छठी तिमाही होगी, जब सुस्ती देखने को मिलेगी।

सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हाल में कॉरपोरेट कर में कमी जैसे कई कदम उठाए हैं। जीडीपी में किया संशोधन रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 20 के लिए अपने विकास अनुमान को संशोधित करके 5.6 फीसदी कर दिय है। यह उसके द्वारा चौथा संशोधन है और एक महीने पहले ही वित्त वर्ष 20 के लिए जीडीपी अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी किया गया था।’

एजेंसी ने कहा, ‘ऐसा करना जरूरी हो गया था, क्योंकि डाटा से पता चलता है कि दूसरी तिमाही में 5 फीसदी से ज्यादा का पिछला अनुमान हासिल होने की उम्मीद कम ही है। नए अनुमान से संकेत मिलते हैं कि वित्त वर्ष 20 की दूसरी तिमाही में विकास दर 4.7 फीसदी रह सकती है।’ दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े शुक्रवार को जारी होने का अनुमान है।

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