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नई दिल्ली: आरआईएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने शनिवार को फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार तथा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा की। रिलांयस रिटेल का कहना है कि इस सौदे से फ्यूचर समूह के प्रसिद्ध प्रारूपों और ब्रांडों के साथ ही उसके व्यावसायिक ईको सिस्टम (परिवेश) को संरक्षित किया जा सकेगा।

कंपनी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ''रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड (आरआरवीएल) ने आज फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार तथा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार के एकमुश्त 24,713 करोड़ रुपए के दाम में अधिग्रहण की घोषणा की।"

आरआरवीएल ने कहा कि इस अधिग्रहण योजना के तहत फ्यूचर समूह अपनी कुछ कंपनियों का विलय फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) में कर रहा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने होम लोन लेने वालों को कोरोना काल में राहत देने वाली रिजर्व बैंक की मोरेटोरियम योजना को दिसंबर अंत तक बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। इसके तहत कर्ज लेने वालों को किस्त चुकाने के लिए मोहलत दी जाती है। 

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील विशाल तिवारी की याचिका को इस मसले पर पहले से लंबित मामले के साथ जोड़ कर सुनवाई करने का निर्णय लिया है।

कोरोना महामारी को काबू करने के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद रिजर्व बैंक ने मार्च में अधिसूचना जारी कर कर्जदारों को किस्त बाद में चुकाने की छूट दी थी, जिसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो रही है।

नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनोवायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि एक्ट ऑफ गॉड के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का संकुचन हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि 5 घंटे लंबी जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों की क्षतिपूर्ति के दो विकल्पों पर चर्चा हुई। वहीं एजी का स्पष्ट मत था कि क्षतिपूर्ति अंतर को भारत के समेकित कोष से पूरा नहीं किया जा सकता है। विकल्प 1 को जीएसटी काउंसिल को प्रस्तुत किया गया था, जो आरबीआई के परामर्श से 97000 करोड़ रुपये उचित दर पर प्रदान करने के लिए राज्यों को एक विशेष विंडो प्रदान करे। राजस्व सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पर बहुत बुरा असर पड़ा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की कमी को पूरा करने के लिए जिन विकल्पों पर चर्चा की गई है, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिए हैं। जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में इस मुद्दे पर फिर से विचार करेगी। बैठक में अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री (एमओएस), विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जीएसटी परिषद की आज को होने वाली बैठक में हंगामें के आसार नज़र आ रहे हैं। गैर-भाजपा शासित राज्य, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के कारण राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिये केंद्र पर वादे के अनुसार क्षतिपूर्ति देने को लेकर दबाव बनाने हेतु पूरी तरह से एकजुट हैं।

सूत्रों के अनुसार, जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए होगी। बैठक का एकमात्र एजेंडा राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई है। बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि, शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने की संभावना है। कोविड-19 संकट ने राज्यों की वित्तीय समस्याएं बढ़ा दी है।

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