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नई दिल्ली: बाजार में नकदी के संकट की वजह से चीनी मिलों की ओर से कम आवक के बाद बीते सप्ताह दिल्ली के थोक चीनी बाजार में चीनी कीमतों में मजबूती का रुख दिखाई दिया और कीमतों में 320 रपये प्रति क्विंटल तक की तेजी आई । बाजार सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार द्वारा काला धन पर रोक लगाने के प्रयासों के तहत 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया गया और बाजार में अपर्याप्त नकदी प्रवाह के कारण आपूर्ति के साथ मांग भी प्रभावित हुई जिसके कारण विशेष रूप से चीनी कीमतों में तेजी आई। चीनी तैयार एम.30 और एस.30 की कीमत अपने विगत सप्ताहांत के 3,800 . 3,870 रुपये और 3,790 . 3,860 रुपये प्रति क्विंटल से 320 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर पिछले सप्ताहांत 3,950 . 4,200 रुपये और 3,940- 4,190 रुपये प्रति क्विंटल हो गई । इसी प्रकार चीनी के मिल डिलीवरी एम.30 और एस.30 की कीमत अपने पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर 3,550- 3,690 रुपये और 3,540 -3,680 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 19 नवंबर को समाप्त सप्ताहांत में क्रमश: 3,550 -3,740 रुपये और 3,540 -3,730 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई जो 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी को दर्शाता है ।
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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद त्वरित गति से कार्य करते हुए आयकर विभाग ने ऐसे सैकड़ों लोगों से नकदी के 'स्रोत' की जानकारी मांगी है जिन्होंने आठ नवंबर के बाद अपने खाते में बड़ी मात्रा में 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा कराए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कर अधिकारियों ने देशभर में इस संबंध में जांच शुरू की है। उसने विभिन्न शहरों में आयकर कानून की धारा 133 (6) के तहत लोगों को 'स्रोत' की जानकारी देने के नोटिस जारी किए हैं। इस धारा के तहत विभाग लोगों से जानकारी मांग सकता है। अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस उन लोगों को जारी किए गए हैं जिनके बारे में बैंकों ने खातों में 'असाधारण या संदिग्ध मात्रा में नकदी जमा कराने' की जानकारी विभाग को दी है। यह आम तौर पर ढाई लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा करने पर जारी किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से देश में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसके बाद बड़ी मात्रा में लोग बैंकों में अपनी नकदी जमा करा रहे हैं जिन पर आयकर विभाग लगातार नजर रखे हुए है।
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मुंबई: बिकवाली दबाव के चलते बंबई शेयर बाजार में आज (शुक्रवार) लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में भी गिरावट जारी रही। सेंसेक्स आज 77 अंक और टूटकर 26,150 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का छह महीने का नया निचला स्तर है। कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन ने दिसंबर में नीतिगत समीक्षा में ब्याज दर बढाने का संकत दिया है जिससे विदेशी निवेशकों ने बिकवाली जारी रखी। इसके साथ ही रपये में गिरावट ने भी बाजार धारणा पर असर डाला। बीएसई का 30 शेयर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान 26,106.78-26,349.02 अंक के दायरे में रहा और अंतत: 77.38 अंक की गिरावट दिखाता हुआ 26,150.24 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का 25 मई 2016 के बाद का निचला स्तर है। नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर असर को लेकर चिंताओं के बीच सूचकांक बीते पांच सत्र में 1,367.44 अंक टूटा है। इन पांच दिनों में यह 4.97 प्रतिशत गिरा है। वहीं साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 668.58 अंक टूटा जबकि निफ्टी में साप्ताहिक आधार पर 222.20 अंक की गिरावट रही। वहीं एनएसई का निफ्टी आज 5.85 अंक टूटकर 8,074.10 अंक पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों की तरफ से बिकवाली का दबाव जारी रहा। विदेशी निवेशकों ने कल शुद्ध रूप से 983.93 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। शेयर बाजारों द्वारा जारी अस्थाई आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। एशियाई बाजारों में मिला जुला रख रहा।
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बैंक लॉकरों को सील करने और आभूषणों को जब्त करने जैसी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रही है। कुछ मामलों में 2,000 रुपये के नए नोटों से स्याही निकलने की खबरों पर भी मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से ट्वीट कर कहा है, ‘यह केवल कोरी कल्पना है कि सरकार का अगला कदम बैंक लॉकरों को सील करना और आभूषणों को जब्त करना है। ऐसी बातें निराधार हैं। बैंक लॉकरों को सील करने और आभूषण जब्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’ मंत्रालय ने यह भी कहा कि 2,000 रुपये के नए नोटों में सुरक्षा की दृष्टि से कई विशेषताओं को शामिल किया गया है, जिनमें ‘उत्कीर्ण’ मुद्रण भी शामिल है। मंत्रालय ने कहा, ‘सही नोट की पहचान के लिए जब आप इसे कपड़े पर रगड़ेंगे तो एक टर्बो विद्युत प्रभाव उत्पन्न होता है और इसी कारण स्याही कपड़े में लग जाती है।’ लगातार विपक्षी पार्टियों द्वारा आरोप लगाए जा रहे है कि सरकार ने भाजपा के नेताओं को इसकी सूचना पहले से ही दे दी थी। इस पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि इस संबंध में पूरी तरह से गोपनीयता बरती गई है और सरकार की तैयारी की भनक किसी को भी नहीं लगने दी गई। मंत्रालय ने यह भी कहा कि चिप की बातें मनगढंत हैं। जनता की बीच ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा था कि नए नोट में कालाधन जमा करने वालों पर नजर रखने के लिए चिप्स लगे हुए है। सरकार ने इस पर तथ्य देते हुए कहा कि ये काल्पनिक और मनगढंत बातें हैं। नए नोट में किसी भी तरह की चिप्स नहीं लगी हैं।
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