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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

लंदन: यूके के प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी के तौर पर भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने अपनी बढ़त बरकरार रखी है। दूसरे राउंड में भी उन्‍रहें सबसे ज्‍यादा वोट हासिल हुए हैं। सुनक 101 वोट के साथ पहले स्‍थान पर रहे, उनके बाद जूनियर व्‍यापार मंत्री पेनी मोर्डौंट का स्‍थान रहा जिन्‍हें 83 वोट हासिल किए। विदेश मंत्री ट्रुस 64 वोट के साथ तीसरे स्‍थान पर रहे, जबकि अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रावेरमेन 27 वोटों के साथ रेस से बाहर हो गए। सुनक ब्रिटेन का वित्‍त मंत्री पद संभाल चुके हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन की जगह लेने की दौड़ में सुनक पहले राउंड में भी सबसे आगे थे। कंजरवेटिव पार्टी में पहले चरण के मतदान के बाद पूर्व चांसलर ऋषि सुनक को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। पेनी मोर्डौंट के 67 वोटों की तुलना में ऋषि सुनक को कुल 88 वोट मिले थे, जबकि पहले चरण की वोटिंग में ट्रस लिज को महज 50 वोटों से संतोष करना पड़ा था। बता दें,वित्त मंत्री नादिम ज़हावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे जेरेमी हंट पहले ही रेस से बाहर हो चुके हैं।

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया ने सिंगापुर हुंचते ही पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने गुरुवार को संसद अध्यक्ष को अपना इस्तीफा ईमेल किया। इससे पहले श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने बृहस्पतिवार को गोटबाया राजपक्षे को सूचित किया था कि उन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रपति के तौर पर अपना इस्तीफा सौंप देना चाहिए, वरना वह उन्हें पद से हटाने के लिए अन्य विकल्पों पर गौर करेंगे। चेतावनी के बाद राजपक्षे ने गुरुवार को अपना इस्तीफा मेल कर दिया। 

उन्होंने कहा था कि वो बुधवार को पद से इस्तीफा देंगे, लेकिन इससे पहले ही वो देश छोड़कर भाग गए थे। इधर श्रीलंका में उनके इस्तीफे को लेकर लगातार प्रदर्शनकारी डटे हुए थे। उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा कर लिया था। वहीं खबर आ रही थी कि वो मालदीव से सिंगापुर के लिए रवाना हो चुके हैं। हालांकि मालदीव ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति के देश में होने की खबर पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया था।

भारत ने भी सफाई दी थी कि गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव भागने में भारत का कोई सहयोग नहीं रहा।

सिंगापुर: श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सिंगापुर पहुंच गए हैं। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, सिंगापुर ने इस बारे में स्थिति स्‍पष्‍ट करते हुए कहा है कि राजपक्षे निजी यात्रा पर हैं और उन्‍हें यहां शरण नहीं दी गई है। मीडिया रिर्पोटस में सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने हवाले से कहा, "इस बात की पुष्टि हो गई है कि राजपक्षे को निजी यात्रा पर सिंगापुर में प्रवेश की इजाजत दी गई है।" बयान में कहा गया है, "उन्‍होंने शरण की मांग नहीं की है और न ही उन्‍हें कोई शरण दी गई है। सिंगापुर आमतौर पर शरण के अनुरोध को मंजूरी नहीं देता है।"

राजपक्षे आज सउदिया एयरलाइंस की फ्लाइट से सिंगापुर पहुंचे। श्रीलंकाई सुरक्षा से जुड़े सूत्रों के हवाले से मीडिया रिर्पोटस में बताया गया कि यूएई जाने के पहले उनके कुछ समय सिंगापुर में रहने की उम्‍मीद है। श्रीलंका के राष्‍ट्रपति मंगलवार की देर शाम कोलंबो से मालदीव रवाना हुए थे। सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक प्रतिक्रिया के डर के चलते उन्‍होंने मालदीव सरकार से सिंगापुर ले जाने के लिए एक निजी जेट की व्‍यवस्‍था करने का आग्रह किया था।

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया की सिंगापुर के लिए रवाना होने की खबर आई है. इससे पहले ये खबर आ रही थी कि वो मालदीव से सिंगापुर के लिए रवाना हो सकते हैं। इससे पहले मालदीव ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति के देश में होने की खबर पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया था। भारत ने भी सफाई दी थी कि गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव भागने में भारत का कोई सहयोग नहीं रहा। गोटाबाया राजपक्षे ने वादा किया था कि वो बुधवार यानि 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे लेकिन बुधवार को उनके इस्तीफे की कोई खबर नहीं आई।

इससे पहले 'डेली मिरर' ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि राष्ट्रपति की अपनी पत्नी इओमा राजपक्षे और दो रक्षा अधिकारी के साथ बीती रात एसक्यू 437 पर माले से सिंगापुर के लिए रवाना होने की उम्मीद थी, लेकिन सुरक्षा मुद्दों के कारण विमान में नहीं चढ़े। मालदीव मीडिया की मानें तो विवादों में घिरे राष्ट्रपति को प्राइवेट जेट उपलब्ध कराने की बात चल रही है।

श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण शुरू हुए जनआंदोलन ने अब देश भर में उग्र रूप ले लिया है।

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