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लंदन: ब्रिटेन में यूरोपीय संघ की सदस्यता छोड़ने के पक्ष में मतदान के बाद 10 लाख से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर कर इस संबंध में दोबारा जनमत संग्रह कराने की मांग की है। याचिका पर ब्रिटिश संसद में चर्चा होगी। ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमंस में किसी मुद्दे पर बहस कराने के लिए एक लाख हस्ताक्षरों की जरूरत होती है। याचिका पर अब तक 12,74,321 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को हुए जनमत संग्रह में देश के 52 प्रतिशत लोगों ने यूरोपीय संघ की सदस्यता छोड़ने के पक्ष में जबकि 48 प्रतिशत लोगों ने इसमें बने रहने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि लंदन, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड में यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में ज्यादा मतदान हुआ बाकी हिस्सों में सदस्यता छोड़ने के पक्ष में ज्यादा मतदान हुआ। कुल 72 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। शनिवार सुबह याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों की संख्या 10 लाख पहुंच गई। इनमें से ज्यादातर हस्ताक्षर लंदन, ब्रिघटन, ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और मैनचेस्टर के लोगों ने किए। विलियम ओलिवर हीले द्वारा शुरू की गई याचिका में कहा गया, 'हम हस्ताक्षर अभियान के तहत ब्रिटिश सरकार से एक नियम लागू करने की मांग करते हैं कि 75 प्रतिशत से कम मतदान होने के साथ अगर रिमेन या लीव वोट 60 प्रतिशत से कम हों तो एक और जनमत संग्रह होना चाहिए।'
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वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोकेट्रिक पार्टी की संभावित उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि ब्रेक्जिट के बाद उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका को एक ‘शांत, स्थिर एवं अनुभवी’ नेता की जरूरत है। वहीं हिलेरी के प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ने इसे यूरोपीय संघ से स्वतंत्रता की ब्रिटिश घोषणा बताया। ट्रंप वर्तमान में स्काटलैंड की व्यापारिक यात्रा पर हैं। ट्रंप ने कहा, ‘ब्रिटेन के लोगों ने पूर्ण रूप से स्वतंत्र होने के पवित्र अधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने यूरोपीय संघ से अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी है और अपने स्वयं की राजनीति, सीमाओं एवं अर्थव्यवस्थाओं पर नियंत्रण साबित करने के लिए मतदान किया।’ उन्होंने ब्रिटिश जनमतसंग्रह का एक राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास करते हुए कहा, ‘आगामी नवम्बर में अमेरिकी लोगों के पास अपनी स्वतंत्रता पुन:घोषित करने का एक मौका होगा। अमेरिकियों के पास व्यापार, आव्रजन, एवं विदेशी नीतियों के लिए मतदान करने का एक मौका होगा जो नागरिकों को आगे रखते हैं।’ एक अलग बयान में हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि ब्रिटेन के लोगों ने जो चयन किया है वह उसका सम्मान करती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि इन घटनाओं के चलते जो आर्थिक अनिश्चितता निर्मित हुई है उससे यहां अमेरिका में कामकाजी परिवारों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हो।
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वॉशिंगटन: अमेरिका के एक सीनेटर ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता नहीं देने का निर्णय करने के लिए एनएसजी की प्रशंसा की है। अमेरिकी सीनेटर एड्वर्ड मार्के ने चीन के नेतृत्व में हुए मजबूत विरोध के मद्देनजर भारत की सदस्यता पर कोई निर्णय लिए बिना एनएसजी की पूर्ण बैठक के सोल में समाप्त होने के कुछ ही घंटों बाद परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की तारीफ की। मैसाचुसेट्स से जूनियर डेमोक्रेटिक सीनेटर एड्वर्ड मार्के ने एक बयान में कहा, ‘‘एनएसजी ने भारत को प्रवेश देने से रोककर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के प्रति अपने दृढ़ समर्थन को आज फिर से दोहराया।’’ उन्होंने कल कहा कि एनएसजी की स्थापना भारत के 1974 के परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया के तौर पर की गई थी और इसने परमाणु हथियारों के और विस्तार में योगदान कर सकने वाली उस तकनीक को साझा करने से रोकने के लिए दशकों काम किया है।’’ भारत विरोधी के तौर पर चर्चित मार्के ने कहा, ‘‘यदि भारत को एनएसजी में शामिल कर लिया जाता तो यह संगठन में भागीदार एकमात्र ऐसी सरकार होती जो एनटीपी का कोई पक्ष नहीं होती, जिससे संधि के प्रति एनएसजी की प्रतिबद्धता कमजोर होती।
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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश यूरोपीय संघ से निकलने के ब्रिटिश लोगों के निर्णय का स्वागत करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्रिटेन और यूरोपीय संघ अमेरिका के अनिवार्य भागीदार बने रहेंगे। ऐतिहासिक जनमत संग्रह के नतीजों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में ओबामा ने एक बयान में कहा, 'ब्रिटेन के लोगों ने बता दिया है और हम उनके निर्णय का सम्मान करते हैं। अमेरिका एवं ब्रिटेन के बीच विशेष संबंध स्थाई हैं और नाटो में ब्रिटेन की सदस्यता अमेरिका की विदेश, सुरक्षा एवं आर्थिक नीति का एक विशेष आधार है।' ओबामा ने कहा, 'ब्रिटेन और ईयू अमेरिका के अनिवार्य भागीदार बने रहेंगे। वे अपने मौजूदा संबंधों को लेकर बातचीत शुरू कर रहे हैं ताकि यूरोप, ब्रिटेन, उत्तरी आयरलैंड और पूरे विश्व में स्थिरता, सुरक्षा एवं समृद्धि सुनिश्चित हो सके।' एक अन्य बयान में अमेरिका के वित्त मंत्री जैक ल्यू ने कहा कि अमेरिका लंदन और बूसेल्स समेत अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करता रहेगा ताकि यूरोप और अन्य जगहों पर आर्थिक स्थिरता, सुरक्षा एवं समृद्धि का जारी रहना सुनिश्चित हो सके।
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