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कोलंबो: राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने अपने पूर्वाधिकारी महिंदा राजपक्षे के नौ विश्वस्तों को आज श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) से बर्खास्त कर दिया। एक बड़े फेरबदल के तहत यह कदम उठाया गया। इस कदम से एकजुटता सरकार के अंदर किसी भी तरह के विरोध के शांत होने की संभावना है। पार्टी अधिकारियों ने बताया कि यहां राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में हुई एक बैठक में उन्होंने नये निर्वाचक और जिला आयोजकों को नियुक्त किया है। इस कदम से पार्टी पर उनका प्रभाव मजबूत होने की उम्मीद है। सिरीसेना और राजपक्षे लंबे समय से पार्टी के सदस्य रहे हैं लेकिन चूंकि राजपक्षे 2015 में पद से हटा दिए गए तो दोनों के बीच फिर से प्रतिद्वंदिता हो गई। सिरीसेना ने जनवरी 2015 के चुनाव में राजपक्षे को हराने के बाद एसएलएफपी नेता का पद राजपक्षे की जगह ग्रहण किया था।
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो ने आज (बुधवार) अपनी खीझ निकालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बलूचिस्तान के बारे में बात करने से पहले कश्मीर में भारत द्वारा किए जा रहे कथित अत्याचार की जवाबदेही लेनी चाहिए। उन्होंने किसी भी कीमत पर देश की संप्रभुता को बनाए रखने का निश्चय किया। पीएम मोदी द्वारा 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से बलूचिस्तान और गिल्गिट-बाल्टिस्तान के बारे में दिए गए बयान पर एतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्द बहुत ही भड़काऊपूर्ण, गैर जिम्मेदाराना और उत्तेजक हैं। बिलावल ने शिकायती अंदाज में कहा, ‘दुनिया के सबसे विस्फोटक मुद्दे कश्मीर से ध्यान बंटाने की कोशिश कामयाब नहीं होगी।’ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने बेसुरा राग अलापते हुए कहा, ‘मोदी को कश्मीर और भारत में कश्मीरियों, मुसलमानों और दलितों के खिलाफ लगातार हो रहे अत्याचार के लिए पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘बलूचिस्तान लोकतांत्रिक पाकिस्तान का अभिन्न हिस्सा है और किसी तानाशाह की गलतियां भारतीय प्रधानमंत्री को हमारे अंदरूनी मामलों में बोलने का अधिकार नहीं देतीं।’ बिलावल ने कहा, ‘पाकिस्तान में मोदी के कुछ यार हो सकते हैं लेकिन पाकिस्तान के लोग बलूचिस्तान या पाकिस्तान के अन्य किसी अभिन्न हिस्से के खिलाफ ऐसी भाषा नहीं बर्दाश्त करेंगे।
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण नहीं करने के लिए भारत को एक द्विपक्षीय व्यवस्था की हफ्ते भर में दूसरी बार पेशकश करते हुए आज कहा कि यह एनएसजी को एक सकारात्मक संदेश देगा, जहां दोनों देशों ने सदस्यता की अर्जी दे रखी है। परमाणु हथियारों का परीक्षण नहीं किए जाने पर एक द्विपक्षीय व्यवस्था के लिए भारत को पाकिस्तान की पेशकश की घोषणा शुरू में 12 अगस्त को विदेश मामलों पर पाक प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने की थी। विदेश कार्यालय प्रवक्ता नफीस जकारिया ने आज कहा कि 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने भारत से साथ साथ (व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि) सीटीबीटी का अनुपालन करने का प्रस्ताव किया था लेकिन प्रस्ताव का भारत से कोई अनुकूल जवाब नहीं मिल पाया। उन्होंने बताया कि एक बार फिर से क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के व्यापक हित में और वैश्विक संदर्भ में भी, पाकिस्तान ने दोनों देशों के एक द्विपक्षीय व्यवस्था पर विचार कर सकने की संभावना का संकेत दिया है, जो संयंम को बढ़ावा देने की इसकी नीति और दक्षिण एशिया में इसकी जिम्मेदारी तथा सीटीबीटी के उद्देश्यों के लिए इसके सतत समर्थन को जाहिर करता है। प्रवक्ता ने बताया कि यदि इस व्यवस्था पर परस्पर सहमति बन जाती है तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीटीबीटी में प्रवेश करने के लिए इंतजार किए बगैर फौरन ही बाध्यकारी बन जाएगा।
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कराची: फिर बेसुरा राग अलापते हुए मुम्बई हमले के षडयंत्रकर्ता और जमात-उद-दवा के प्रमुख हाफिज सईद ने सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ से पाकिस्तान के संस्थापक एमए जिन्ना के लंबित आदेश का ‘पालन करने’ के लिए कश्मीर में सैनिक भेजने का आह्वान किया है। रविवार को यहां ‘डिफेंस काउंसिल ऑफ पाकिस्तान’ के बैनर तले एक रैली को संबोधित करते हुए सईद ने दावा किया, ‘कश्मीरियों ने विभाजन से पहले घोषणा की थी कि वे पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं। लेकिन विभाजन के बाद भारत ने जबरन जम्मू कश्मीर में सेना भेज दी।’ उसने कहा, ‘इस पर कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने कमांडर इन चीफ को सैनिक भेजकर जवाब देने का आदेश दिया लेकिन उन्होंने आदेश मानने से इनकार कर दिया। अब मैं जनरल राहिल शरीफ से जम्मू और कश्मीर में सैनिक भेजने का आह्वान करता हूं क्योंकि कायदे आजम का आदेश तो लंबित है।’ सईद ने कहा कि वह भारत के साथ लड़ाई करने को नहीं कह रहा है लेकिन उन्हें (प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख राहिल शरीफ) को कश्मीर मुद्दे पर अवश्य ही रणनीति बनानी चाहिए। उसने अपना राग अलापते हुए कहा, ‘पाकिस्तान युद्धक्षेत्र बन गया है और निर्दोष कश्मीरी मारे जा रहे हैं जबकि मोदी बलूचिस्तान को अलग करने की बात कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं और वह उसी शैली में मोदी को जवाब देने में अनिच्छुक क्यों हैं?’ हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है और उस पर एक करोड़ डालर का इनाम घोषित है।
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