न्यूयॉर्क: विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का हवाला देते हुए कहा कि वो देश जो आतंक को बढ़ावा देने के लिए मानवाधिकार के मुखौटे का प्रयोग करते हैं, सबसे बड़े ढ़ोंगी होते हैं। अकबर 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत समानता में ‘विश्वास’ करने वाला देश है न कि ‘दादागिरी’ में। उन्होंने आतंकवाद को मानवाधिकार के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा भी बताया। मंत्री ने कहा, ‘आतंकवाद दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन है। वे लोग जो मानवाधिकार के मुखौटे का प्रयोग आतंक को बढ़ावा देने के लिए करते हैं, वो बड़े ढ़ोगियों में से एक हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत आस्था के वर्चस्व में विश्वास नहीं करता है, जिन देशों का निर्माण आस्था के वर्चस्व के नाम पर हुआ उनमें आज टूट-फूट मची हुई है। अकबर अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तिरंगा फहराने के दौरान बोल रहे थे। पदभार संभालने के बाद पत्रकार से राजनेता बने अकबर का यह पहला अमेरिका दौरा था। अकबर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दादागिरी के कारण ही 1971 में बांग्लादेश अलग हुआ और अब ब्लूचिस्तान का मामला भी सामने आ रहा है।’ अकबर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारतीय प्रधानमंत्री ने भी लाल किले से अपने भाषण में पाकिस्तान पर हमला बोला था। उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान को फिर से निशाने पर लेते हुए कहा, ‘आस्था की समानता हमारे राष्ट्र के प्राचीन दर्शन से उभरती है।
सभ्यता और स्थिरता को चुनौती उनकी ओर से मिल रही है जिनमें हमारे पड़ोसी भी शामिल हैं जो आस्था की समानता के विपरीत आस्था के वर्चस्व में यकीन करते हैं। जो इस बात में यकीन रखते हैं कि एक आस्था अन्य से सर्वोच्च है।’