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न्यूयॉर्क: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से मुलाकात की और कश्मीर में मानव अधिकारों के कथित उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को खत्म करने में अमेरिका से मदद मांगी। मुलाकात के बाद पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर में 107 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, हजारों घायल हैं और सरकार के स्तर पर मानवाधिकार का घोर हनन किया जा रहा है।’ शरीफ ने केरी से कहा कि उन्हें अभी तक ‘राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का वो वादा याद है कि अमेरिका पाकिस्तान और भारत के बीच के द्विपक्षीय विवादों एवं मुद्दों को हल करने में मदद करने के लिए अपनी भूमिका निभाएगा।’ बयान के अनुसार शरीफ ने कहा, ‘मैं अमेरिकी प्रशासन और विदेश मंत्री केरी से उम्मीद करता हूं कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करेंगे।’ यह मुलाकात उस वक्त हुई जब हाल ही में कश्मीर में आतंकी हमले में 18 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से वाकयुद्ध छिड़ गया है। प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी, अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी और अफगान-पाक मामले के विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि रिचर्ड ओलसन भी इस मुलाकात में मौजूद थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र में भाग लेने के लिए पहुंचे शरीफ ने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों का आह्वान किया कि भारत को कश्मीर में कथित बर्बरताओं से रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए वह कश्मीर मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाएंगे।
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वॉशिंगटन: कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के बाद अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने अमेरिका सरकार से पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने की मांग की है। इसके साथ ही समुदाय ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने को भी कहा है। अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर कमेटी के अध्यक्ष जगदीश शाहनी ने कहा, ‘बहुत हो चुका। अब पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने का समय है।’ शाहनी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एकतरफा शांति पहलों का हवाला देते हुये कहा कि मई 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। इसके अलावा वह पिछले साल दिसंबर में लाहौर भी गये थे। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के नेताओं को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें भारत में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ेगी।’ शाहनी ने कहा कि ओबामा प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस को पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित कर और उस पर प्रतिबंध लगाकर उसे एक कड़ा संदेश देने की जरूरत है। हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक एवं मानवाधिकार अध्येता समीर कालरा ने कहा, ‘पाकिस्तान में बड़ी आसानी से जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को चलाने वालों को दंडित नहीं करना पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने का स्पष्ट प्रमाण है। यह आतंकवाद देश की खुफिया सेवा एजेंसी और सैन्य तंत्र मिलकर प्रायोजित करते हैं।’ फाउंडेशन ने कहा कि बताया जाता है कि इस आतंकी हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया है।
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संयुक्त राष्ट्र: उत्तर कश्मीर के उरी स्थित सेना के एक शिविर पर किए गए आतंकी हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने उम्मीद जताई है कि इस अपराध के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और ‘सभी संबंधित’ पक्षों की प्राथमिकता यह होगी कि स्थिरता की पुन: स्थापना की जाए और लोगों की जान को और नुकसान नहीं हो। बान के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘संयुक्त राष्ट्र इन बदलावों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और क्षेत्र में रहने वाले लोगों की शांति से जुड़ी चिंताओं में साझीदार है।’ बान ने उम्मीद जताई कि हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और सभी पक्ष शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। बयान में कहा गया, ‘महासचिव को उम्मीद है कि इस अपराध के साजिशकर्ताओं की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’ बयान में कहा गया, ‘उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसमें शामिल सभी पक्ष जिंदगियों के और अधिक नुकसान को रोकने और स्थिरता की पुन: स्थापना को प्राथमिकता देंगे। महासचिव सभी पक्षकारों को प्रोत्साहन देते हैं कि वे शांति एवं स्थिरता कायम करने की अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।’ ‘आतंकी हमले’ की निंदा करते हुए बान ने जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों और भारत सरकार के प्रति अपनी ‘गहरी संवेदना और शोक’ जताया। उन्होंने हमले में घायल लोगों के जल्दी ठीक होने की कामना की। इसी बीच, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने भी ‘आतंकी हमला झेलने वाले’ भारतीयों के प्रति एकजुटता जाहिर की।
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वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने जम्मू कश्मीर के उरी शहर में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के साथ मजबूत भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध है। हमले में सेना के 17 जवान शहीद हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘अमेरिका 18 सितंबर को तड़के कश्मीर में भारतीय सेना के ठिकाने पर आतंकवादी हमले की जोरदार निंदा करता है।’ उन्होंने कहा, ‘हम पीड़ितों और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।’ किरबी ने कहा, ‘अमेरिका आतंकवाद से लड़ने में भारत सरकार के साथ हमारी मजबूत भागीदारी के प्रति वचनबद्ध है।’ इस बीच, भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने भी हमले की निंदा की। वर्मा ने नई दिल्ली में अपने ट्वीट में कहा, ‘हम जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले की जोरदार निंदा करते हैं। हमारी संवेदना बहादुर सैनिकों के परिवार के साथ है, जिन्होंने उरी हमले में अपने प्राण गंवाए।’ अमेरिका का बयान जम्मू कश्मीर के उरी शहर में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद आया है। उस हमले में 17 सैनिक शहीद हुए और 19 अन्य घायल हुए। घायलों में ज्यादातर की हालत गंभीर है। मुठभेड़ में चार आतंकवादी भी मारे गए।
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