संयुक्त राष्ट्र: उत्तर कश्मीर के उरी स्थित सेना के एक शिविर पर किए गए आतंकी हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने उम्मीद जताई है कि इस अपराध के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और ‘सभी संबंधित’ पक्षों की प्राथमिकता यह होगी कि स्थिरता की पुन: स्थापना की जाए और लोगों की जान को और नुकसान नहीं हो। बान के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘संयुक्त राष्ट्र इन बदलावों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और क्षेत्र में रहने वाले लोगों की शांति से जुड़ी चिंताओं में साझीदार है।’ बान ने उम्मीद जताई कि हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और सभी पक्ष शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। बयान में कहा गया, ‘महासचिव को उम्मीद है कि इस अपराध के साजिशकर्ताओं की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’ बयान में कहा गया, ‘उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसमें शामिल सभी पक्ष जिंदगियों के और अधिक नुकसान को रोकने और स्थिरता की पुन: स्थापना को प्राथमिकता देंगे। महासचिव सभी पक्षकारों को प्रोत्साहन देते हैं कि वे शांति एवं स्थिरता कायम करने की अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।’ ‘आतंकी हमले’ की निंदा करते हुए बान ने जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों और भारत सरकार के प्रति अपनी ‘गहरी संवेदना और शोक’ जताया। उन्होंने हमले में घायल लोगों के जल्दी ठीक होने की कामना की। इसी बीच, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने भी ‘आतंकी हमला झेलने वाले’ भारतीयों के प्रति एकजुटता जाहिर की।
मादुरो ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बाद गुटनिरपेक्ष आंदोलन की अध्यक्षता संभाली है। कल मार्गरिटा द्वीप पर गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘आतंकी गतिविधियों का प्रसार करने वाली, जिंदगी का सम्मान न करने वाली इस समस्या की जड़ तक जाने के मामले में हम विश्व के अपने भाई समान लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हम लोगों के सहअस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ सेना पर हाल में किए गए घातक हमलों में से एक हमला कल उत्तरी कश्मीर के उरी में सेना के बटालियन मुख्यालय पर बोला गया। हथियारों से लैस आतंकियों द्वारा बोले गए इस हमले में 17 सैनिक शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हो गए। आतंकी हमले में शामिल चार आतंकियों को सेना ने मार गिराया। इस हमले से दो साल पहले आतंकियों ने इसी इलाके के मोहरा में ऐसे ही एक हमले को अंजाम दिया था। पांच दिसंबर 2014 को हुए इस हमले में 10 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।