वॉशिंगटन: कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के बाद अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने अमेरिका सरकार से पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने की मांग की है। इसके साथ ही समुदाय ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने को भी कहा है। अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर कमेटी के अध्यक्ष जगदीश शाहनी ने कहा, ‘बहुत हो चुका। अब पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने का समय है।’ शाहनी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एकतरफा शांति पहलों का हवाला देते हुये कहा कि मई 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। इसके अलावा वह पिछले साल दिसंबर में लाहौर भी गये थे। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के नेताओं को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें भारत में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ेगी।’ शाहनी ने कहा कि ओबामा प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस को पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित कर और उस पर प्रतिबंध लगाकर उसे एक कड़ा संदेश देने की जरूरत है। हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक एवं मानवाधिकार अध्येता समीर कालरा ने कहा, ‘पाकिस्तान में बड़ी आसानी से जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को चलाने वालों को दंडित नहीं करना पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने का स्पष्ट प्रमाण है। यह आतंकवाद देश की खुफिया सेवा एजेंसी और सैन्य तंत्र मिलकर प्रायोजित करते हैं।’ फाउंडेशन ने कहा कि बताया जाता है कि इस आतंकी हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया है।
यह पाकिस्तान का आतंकी संगठन है और अमेरिका ने इसे विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है। ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तानी सेना इस संगठन को सैन्य सहायता देती है।