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वॉशिंगटन: चीन में अमेरिकी राजदूत के तौर पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पसंद हैं आयोवा के गर्वनर टेरी ब्रान्स्टेड। वह बीजिंग के पुराने मित्र हैं। इससे पहले ट्रंप ने प्रोटोकॉल को तोड़कर ताईवान के राष्ट्रपति के साथ बातचीत की थी जिसके कारण चीन की त्यौरियां चढ़ गई थीं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ 70 वर्षीय ब्रान्स्टेड की मित्रता बहुत पुरानी, 1980 के मध्य के दशक से है। तब शी काउंटी के युवा अधिकारी थे जो आयोवा के सुदृढ़ कृषि क्षेत्र के साथ करीबी संबंध चाहते थे। ट्रंप ने कहा, ‘सार्वजनिक जीवन में गर्वनर ब्रान्स्टेड का दशकों लंबा अनुभव और राष्ट्रपति शी चिनफिंग तथा चीन के अन्य नेताओं के साथ उनके पुराने संबंध उन्हें चीन में अमेरिका के राजदूत पद के लिए आदर्श पसंद बनाते हैं।’ ट्रंप ने कहा, ‘हॉकाय स्टेट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहते हुए उन्होंने चीन के साथ बड़ी सफलतापूर्वक करीबी व्यापारिक संबंध बनाए थे। चीनी नेतृत्व के साथ पारस्परिक लाभदायक संबंधों को और विकसित करने और अमेरिका के हितों का प्रतिनिधित्व करने के दौरान उन्हें यह अनुभव काम आएगा।’ ब्रान्सटेड ने कहा, ‘परिवार के साथ लंबी चर्चा के बाद मैं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के नामांकन को स्वीकार करते हुए और चीन के राजदूत के तौर पर महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने में सम्मान और आभार महसूस कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति शी को मैं कई वषरें से जानता हूं और उन्हें एक पुराना मित्र मानता हूं।

वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि उसने पाकिस्तान के नेतृत्व के समक्ष देश की आतंकी पनाहगाहों में हक्कानी नेटवर्क जैसे खूंखार अफगान तालिबान समूहों के प्रति सहिष्णुता को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। कुछ दिन पहले ही भारत और अफगानिस्तान ने भी आतंकवादी समूहों को सहायता देने के लिए पाकिस्तान की निंदा की थी। विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों देशों को आपस में आतंकवाद की रोकथाम के लिए अभियान चलाने और प्रयासों में सहयोग देने के लिए उत्साहित करते हैं क्योंकि यही क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देगा। विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार तारिक फतेमी ने गत पांच दिसंबर को अमेरिका के विदेश उपमंत्री टॉनी ब्लिकेन से मुलाकात की थी। टोनर ने कहा, ‘दोनों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग भी शामिल था।’ टोनर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अफगानिस्तान ने हार्ट ऑफ एशिया में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने और सहायता पहुंचाने को लेकर हमला बोला था। बिना पाकिस्तान का नाम लिए ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के उद्घाटन संबोधन में कहा था, ‘आतंकी हिंसा में वृद्धि हमारे पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है।

अदन: लोगों को लेकर सोकोत्रा द्वीप लौट रहे एक मालवाहक पोते के द्वीप के पास डूब जाने से 30 से ज्यादा लोग लापता हैं। यमन के राष्ट्रपति आबिदरब्बो मंसूर हादी ने सरकारी ‘सबान्यू डॉट नेट’ वेबसाइट पर जारी आधिकारिक बयान में कहा कि खोज अभियान के बाद कम से कम 26 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया है। यह पोत सोकोत्रा के लोगों को मुख्यभूमि से लेकर वापस द्वीप लौट रहा था और उसी दौरान डूब गया। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि पोत खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ जबकि यमन के मत्स्य पालन मंत्री फहद कवीन ने पहले इसे दुर्घटना बताया था। उन्होंने कहा था, ‘पोत पर महिलाओं और बच्चों सहित 60 लोग सवार थे। उसपर मछली पकड़ने वाली छोटी नावें भी थीं।’

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान के हालात को अब भी मुश्किलों से घिरा हुआ बताते हुए और आतंकियों, खासतौर पर आईएसआईएल की ओर से मौजूद खतरे को रेखांकित करते हुए कहा है कि जब कार्रवाई करना जरूरी हो, तब अमेरिका को कदम उठाने से कभी झिझकना नहीं चाहिए।’ ओबामा ने आतंकवाद से निपटने के प्रति अपने प्रशासन के रूख पर फ्लोरिडा के टंपा में कल अपने भाषण में कहा, ‘मेरा मानना है कि जब जरूरी हो, तब हमें अपने लोगों पर मंडराने वाले खतरों के खिलाफ कार्रवाई करने से झिझकना नहीं चाहिए, फिर चाहे यह कार्रवाई एकपक्षीय ही क्यों न करनी पड़े।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने इस बात पर भी जोर दिया है कि हमारी सेना को दुनिया के उस पार देशों के निर्माण के लिए कहना या उनके अंदरूनी झगड़ों को सुलझाने के लिए कहना नासमझी है और ऐसा करना चिरस्थायी नहीं है। खासतौर पर उन स्थानों पर, जहां हमारे बल आतंकियों और उग्रवादियों के लिए एक चुंबक बन जाते हैं।’ ओबामा ने कहा, ‘इसके बजाय, मेरा मानना यह रहा है कि यदि हम अलकायदा और आईएसआईएल जैसे आतंकी तंत्रों को नष्ट करने पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं तो हमें अपने सहयोगियों से कहना चाहिए कि वे लड़ाई में अपना योगदान दें।’ उन्होंने कहा, ‘हमें अपने स्थानीय सहयोगियों को मजबूत करना चाहिए, जो हमें दीर्घकालिक सुरक्षा मुहैया करवा सकते हैं।’

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