वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि उसने पाकिस्तान के नेतृत्व के समक्ष देश की आतंकी पनाहगाहों में हक्कानी नेटवर्क जैसे खूंखार अफगान तालिबान समूहों के प्रति सहिष्णुता को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। कुछ दिन पहले ही भारत और अफगानिस्तान ने भी आतंकवादी समूहों को सहायता देने के लिए पाकिस्तान की निंदा की थी। विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों देशों को आपस में आतंकवाद की रोकथाम के लिए अभियान चलाने और प्रयासों में सहयोग देने के लिए उत्साहित करते हैं क्योंकि यही क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देगा। विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार तारिक फतेमी ने गत पांच दिसंबर को अमेरिका के विदेश उपमंत्री टॉनी ब्लिकेन से मुलाकात की थी। टोनर ने कहा, ‘दोनों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग भी शामिल था।’ टोनर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अफगानिस्तान ने हार्ट ऑफ एशिया में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने और सहायता पहुंचाने को लेकर हमला बोला था। बिना पाकिस्तान का नाम लिए ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के उद्घाटन संबोधन में कहा था, ‘आतंकी हिंसा में वृद्धि हमारे पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है।
अफगानिस्तान में अमन के लिए जो आवाजें उठ रही हैं सिर्फ वही पर्याप्त नहीं है।’