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सोल: दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास अभी 10 परमाणु बम बनाने जितना प्लूटोनियम मौजूद है। दक्षिण कोरिया के इस बयान से करीब एक सप्ताह पहले ही उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा था कि उनका देश एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण के करीब है। ऐसा माना जा रहा है कि अब तक पांच परमाणु परीक्षण और कई मिसाइल प्रक्षेपण कर चुका उत्तर कोरिया वर्ष 2017 में अमेरिका को निशाना बनाने में सक्षम एक हथियार प्रणाली विकसित कर अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने की योजना बना रहा है। विश्लेषक इस बात को लेकर एकमत नहीं हैं कि प्योंगयांग अपनी परमाणु महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के कितने करीब है लेकिन सभी इस बात को लेकर एकमत हैं कि वर्ष 2011 में अपने पिता किम जोंग द्वितीय के निधन के बाद किम के सत्ता में आने से अब तक इसमें भारी बढ़ोतरी जरूर हुई है। सोल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के पास वर्ष 2016 के अंत तक हथियार बनाने वाला 50 किलोग्राम प्लूटोनियम मौजूद था जो 10 बड़े हथियार बनाने में सक्षम है।

वॉशिंगटन: अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने आज कहा कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता एवं कानून के शासन पर विश्व भर में हमला हो रहा है और ऐसे में शांति, समृद्धि एवं प्रगति के लिए कूटनीति दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है। हिलेरी ने विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में आयोजित अमेरिकी डिप्लोमेटिक सेंटर पवेलियन के उद्घाटन समारोह में पूर्व विदेश मंत्रियों के साथ शिरकत की। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में नवंबर 2016 में आश्चर्यजनक रूप से हार झेलने के बाद अपने दुर्लभ जनसभा संबोधन में कहा, ‘कूटनीति शांति, समृद्धि एवं प्रगति के लिए विश्व में अब तक ज्ञात सबसे प्रभावी ताकतों में से एक है।’ उन्होंने इस अवसर पर कहा, ‘लोकतंत्र, स्वतंत्रता एवं कानून के शासन पर विश्व भर में हमला हो रहा है। बढ़ती निरंकुशता एवं संकुचित सोच द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दौर की उस नींव को खतरा पैदा कर रही हैं जो अमेरिकी दूतों से स्थापित की है और उन्होंने मार्शल एवं अचेसन के समय से जिसकी रक्षा की है।’ इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि अमेरिकी नेतृत्व की दुनिया को आज भी ना केवल आवश्यकता है बल्कि इसका व्यापक स्तर पर स्वागत किया जाता है। यह बात सुनिश्चित करके अमेरिकी दूतों ने वास्तव में एक असाधारण कहानी लिखी है जो आगामी पीढ़ियों के लिए मिसाल साबित होगी।

वॉशिंगटन: निवर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजैन राइस का कहना है कि अमेरिका के सामने विभिन्न स्रोतों से पहले से कहीं ज्यादा खतरे हैं और ओबामा प्रशासन ने इन चुनौतियों से कारगर तरीके से निपटने के लिए भारत जैसी उभरती शक्तियों के साथ नए रिश्ते विकसित किए हैं। राइस ने वॉशिंगटन में एक शीर्ष अमेरिकी विचार समूह ‘यूएस इन्स्टीट्यूट ऑफ पीस’ (यूएसआईपी) में अपने संबोधन में कहा, ‘अमेरिकियों के सामने पहले की तुलना में कहीं ज्यादा खतरे हैं जो अलग-अलग तरह के हैं और उनके स्रोत भी अलग-अलग हैं। इन खतरों में रूस और उत्तर कोरिया जैसे देशेत्तर तत्वों से लेकर आईएसआईएल जैसे आतंकवादी शामिल हैं जो नयी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इनमें जलवायु परिवर्तन, इबोला जैसी महामारी, मादक द्रव्यों और हथियारों का गैरकानूनी प्रसार जैसे अंतरराष्ट्रीय खतरे भी शामिल हैं जो हमारे तटों तक पहुंच सकते हैं।’ राइस ने यूएसआईपी में दिन भर चले ‘पासिंग द बेटॅन’ सम्मेलन में कहा कि एक वैश्विक नेता और पक्षधारी के तौर पर अमेरिका के सामने, बड़ी वैश्विक शक्तियों एंव क्षेत्रीय ताकतों के मध्य बढ़ते तनाव तथा उनके अंदर प्रशासन की चुनौतियों के चलते एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती है। राइस ने कहा कि यूक्रेन और सीरिया में रूस लगातार वैश्विक राय की अवहेलना करता रहा है और घरेलू चुनावों में उसने हस्तक्षेप के कथित प्रयास भी किए।

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में संसद सहित देश के तीन शहरों में हुए हमलों में करीब 50 लोग मारे गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत की अफगानिस्तान यात्रा के दौरान दक्षिण कंधार में गवर्नर के घर के भीतर सोफे में लगा बम फटने से कम से कम नौ लोग मारे गए हैं। हालांकि राजदूत को कुछ चोटें आयी हैं। घटना के कुछ ही घंटों पहले, तालिबान ने काबुल में संसद के एनेक्सी से निकल रहे कर्मचारियों को निशाना बनाकर हमला किया जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए और 80 लोग घायल हो गए। इसी परिसर में अफगानिस्तान के सांसदों के कार्यालय हैं। वहीं हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में तालिबान आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उठा लिया। घटना में सात लोग मारे गए हैं। बड़े पैमाने पर हो रहे नरसंहार अफगानिस्तान में बढ़ते उग्रवाद का संकेत हैं। वहां अमेरिका समर्थित अफगान सरकार तालिबानी उग्रवाद के साथ साथ अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से भी मुकाबला करने का प्रयास कर रही है। कंधार के प्रांतीय पुलिस प्रमुख अब्दुल रज्जाक ने बताया कि प्रांत के गवर्नर तथा यूएई के राजदूत जुमा मोहम्मद अब्दुल्ला अल काबी विस्फोट में घायल हुए हैं, लेकिन कई लोग इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बम विस्फोट में करीब एक दर्जन लोग मारे गए हैं। हालांकि स्थानीय टोलो न्यूज के अनुसार नौ लोगों की मौत हुई है। इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है।

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