काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में संसद सहित देश के तीन शहरों में हुए हमलों में करीब 50 लोग मारे गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत की अफगानिस्तान यात्रा के दौरान दक्षिण कंधार में गवर्नर के घर के भीतर सोफे में लगा बम फटने से कम से कम नौ लोग मारे गए हैं। हालांकि राजदूत को कुछ चोटें आयी हैं। घटना के कुछ ही घंटों पहले, तालिबान ने काबुल में संसद के एनेक्सी से निकल रहे कर्मचारियों को निशाना बनाकर हमला किया जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए और 80 लोग घायल हो गए। इसी परिसर में अफगानिस्तान के सांसदों के कार्यालय हैं। वहीं हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में तालिबान आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उठा लिया। घटना में सात लोग मारे गए हैं। बड़े पैमाने पर हो रहे नरसंहार अफगानिस्तान में बढ़ते उग्रवाद का संकेत हैं। वहां अमेरिका समर्थित अफगान सरकार तालिबानी उग्रवाद के साथ साथ अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से भी मुकाबला करने का प्रयास कर रही है। कंधार के प्रांतीय पुलिस प्रमुख अब्दुल रज्जाक ने बताया कि प्रांत के गवर्नर तथा यूएई के राजदूत जुमा मोहम्मद अब्दुल्ला अल काबी विस्फोट में घायल हुए हैं, लेकिन कई लोग इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बम विस्फोट में करीब एक दर्जन लोग मारे गए हैं। हालांकि स्थानीय टोलो न्यूज के अनुसार नौ लोगों की मौत हुई है। इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है।
लेकिन काबुल विस्फोटों के बारे में तालिबान का कहना है कि यह उसने किया है। पहले हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर जा रही मिनी बस के पास खुद को विस्फोट में उड़ा लिया। जब बचावकर्मी मौके पर पहुंचे, तब तक वहां कार बम में विस्फोट हुआ। हमलों में मारे गए 30 लोगों में चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वे लोग पहले हमले के बाद पीड़ितों की मदद करने आए थे और कार बम की चपेट में आ गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मजरूह ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि अस्पताल में भर्ती कई घायलों की हालत बहुत गंभीर है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि दोनों विस्फोट उन्होंने कराए हैं। हताहतों में ज्यादातर अफगान खुफिया एजेंट हैं। हालांकि संगठन अक्सर हमला पीड़ितों के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर जानकारी देता है।