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वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। इस दौरान दोनों के बीच यूक्रेन में जंग समाप्त करने को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ-साथ ट्रंप और पुतिन ने कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी बात की। एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को यह दावा किया गया है। हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने दुनिया के 70 से अधिक नेताओं से बात की है। इनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भी शामिल हैं।

ट्रंप और पुतिन की बातचीत ऐसे वक्त हुई है, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की थी। इस बातचीत के दौरान एलन मस्क भी ट्रंप के साथ मौजूद थे। अमेरिका के एक्सियोस पोर्टल की न्यूज रिपोर्ट की मानें तो यूक्रेन के मुद्दे पर दो बड़ी घटनाएं हुईं, पहली यह कि एलन मस्क ने जेलेंस्की से बातचीत की है और दूसरी यह कि इस बातचीत के बाद जेलेंस्की संघर्ष को लेकर कुछ बातों पर समझाने के बाद राजी हुए।

तेल अवीव: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वीकार किया है कि उन्होंने लेबनान में पेजर हमलों को मंजूरी दी थी। पेजर हमलों में सितंबर में करीब 40 लोग मारे गए थे और करीब 3,000 ईरान समर्थित हिज्‍बुल्‍लाह के लड़ाके घायल हो गए थे। नेतन्‍याहू के प्रवक्‍ता ओमर दोस्तरी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "नेतन्याहू ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने लेबनान में पेजर ऑपरेशन को हरी झंडी दी थी।" इसी साल 17 सितंबर को लगातार दो दिनों में हिज्‍बुल्‍लाह लड़ाकों के पास मौजूद हजारों पेजर में धमाके हुए थे। इसके लिए ईरान और हिज्‍बुल्‍लाह ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। पेजर का उपयोग हिज्‍बुल्‍लाह लड़ाकों द्वारा इजरायल की लोकेशन ट्रैकिंग से बचने के लिए कम्‍युनिकेशन के कम-तकनीकी साधन के रूप में किया गया था।

ये विस्फोट इजरायल की उस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद हुए थे जिसमें उसने कहा था कि वह हमास के 7 अक्टूबर के हमलों के बाद शुरू युद्ध के उद्देश्यों को व्यापक बना रहा है, जिसमें लेबनान के साथ देश की सीमा पर समूह के सहयोगी हिज्‍बुल्‍लाह के खिलाफ अपनी लड़ाई भी शामिल है।

ढाका: बांग्लादेश में हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों पर सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा करने के कुछ ही दिनों बाद, ट्रंप समर्थकों द्वारा आयोजित जश्न रैली को पुलिस ने ढाका और अन्य शहरों में रोक दिया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार शाम को ढाका और अन्य शहरों में ट्रंप की जीत का जश्न मनाने के लिए कई समूह एक जगह जमा हुए थे। इन समूहों ने ट्रंप को समर्थन देने वाले बैनर और पोस्टर प्रदर्शित किए, जिन पर लिखा था, "मिस्टर प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को बांग्लादेश से प्यार है।" लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन बैनरों को जब्त कर लिया और परेड को रोका दिया।

डोनाल्ड ट्रंप का अल्पसंख्यकों पर दिया गया बयान

बांग्लादेशी सेना और पुलिस ने देर रात छापेमारी भी की, जिसमें कई लोगों को हिरासत में लिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोग साधारण नागरिक थे और उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं था।

तेहरान: ईरान ने उन मीडिया रिपोट्स को पूरी तरह निराधार बताकर खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि तेहरान ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन खबरों को इजरायल की साजिश बताया।

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आरआरएनए के मुताबिक इस्माइल बाघई हमानेह ने शनिवार (09 नवंबर) को कहा कि मौजूदा दौर में इस तरह के दावों को दोहराना ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मुद्दों को और अधिक जटिल बनाने की एक घृणित साजिश है।

इस्माइल बाघई हमानेह ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान के खिलाफ इस तरह के दावों को पहले भी खारिज कर चुका है और ऐसे दावों का झूठ भी उजागर हुआ है। बाघई ने जोर देकर कहा कि तेहरान राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी कानूनी और वैध साधनों का इस्तेमाल करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप के अगले राष्ट्रपति चुने जाने से पहले उनकी हत्या की साजिश के सिलसिले में एक अफगान नागरिक के खिलाफ आरोप लगाए हैं।

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