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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून पर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच ओडिशा सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को अद्यतन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत अप्रैल- मई में जल्द घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, भारत के महापंजीयक के निर्देशानुसार, एनपीआर की कवायद शुरू हो गई है। राज्य के कई हिस्सों में पायलट सर्वेक्षण कराया गया है। अप्रैल के मध्य में घर-घर जाकर सर्वे तथा घरों की सूची बनाने का काम किया जाएगा।

अधिकारी ने प्रारूप की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार पंजीकरण फार्म में सवालों की संख्या ज्यादा है। पिछली बार के कई सवालों को संशोधित किया गया है। इस बार आधार संख्या, मोबाइल नंबर, मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी भी ली जाएगी। 2010 में यूपीए सरकार ने भी एनपीआर कराया था। तब लोगों से माता-पिता आौर पत्नी के नाम पूछे गए थे। यह भी पूछा गया था कि वह कितने समय से निवास स्थान पर रह रहे हैं। लेकिन इस बार कई सवाल अलग हैं जिसे लेकर विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है।

केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले माह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने का फैसला लिया था। हालांकि, विपक्ष इसे एनआरसी का पहला कदम बताते हुए व्यापक विरोध कर रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एनपीआर कराने से इनकार कर दिया है। वहीं, राज्य भाजपा नेता समीर मोहंती ने कहा, एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है। एनपीआर देश में रहने वाले लोगों का एक रजिस्टर भर है ताकि उन्हें सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिल सके।

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