शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एलएलएम की छात्रा के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के कोर्ट में सोमवार को 164 के तहत दर्ज किए गए। इसके लिए छात्रा को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। साढ़े चार घंटे तक पीड़ित छात्रा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए करीब 20 पेज में बयान दर्ज कराए। इसके बाद छात्रा को कड़ी सुरक्षा में वापस घर भेज दिया गया। पीड़ित छात्रा को सोमवार सुबह लगभग 10 बजे पुलिस की कड़ी सुरक्षा में पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के बराबर वाले गेट से जजी कचहरी में लाया गया।
10:05 बजे उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओमवीर सिंह के कोर्ट में ले जाया गया जहां से उसे बयान दर्ज कराने के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के कोर्ट में भेज दिया गया। यहां कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट गीतिका सिंह ने पीड़ित के बयान लेने शुरू किए। बताते हैं कि छात्रा ने करीब साढ़े चार घंटे तक बयान दर्ज कराए। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से कोर्ट के बाहर सीओ महेंद्रपाल सिंह, चौक कोतवाली इंस्पेक्टर प्रवेश सिंह, सदर कोतवाली के एसएसआई अमित सिंह, महिला इंस्पेक्टर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहीं। कोर्ट के पास तक किसी को जाने की इजाजत नहीं थी।
दोपहर बाद 2:42 बजे जैसे ही उसके बयान खत्म हुए, पुलिस फोर्स ने उसे गेट के बाहर निकलते ही सुरक्षा घेरे में ले लिया और कोर्ट परिसर के पिछले गेट से उसे मीडिया कर्मियों से बचाकर गाड़ी में बैठाकर घर वापस पहुंचा दिया। छात्रा के बयान के दौरान जजी कचहरी गेट के पास भी कड़ी पुलिस सुरक्षा रही। कोर्ट के बाहर मीडिया कर्मियों व वकीलों की भीड़ लगी रही।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम गीतिका सिंह के कोर्ट में दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज होने के बाद अब लोगों की निगाहें स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म की दर्ज होने वाली रिपोर्ट पर टिकी हैं। रिपोर्ट और उसके बाद स्वामी की गिरफ्तारी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
कानून के जानकारों के मुताबिक कोर्ट में पीड़ित के बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट से अनुमति लेकर विवेचक बयानों का अवलोकन करेंगे और विवेचक के निर्देश पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज हो सकती है। मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में आईजी नवीन अरोड़ा के नेतृत्व में एसआईटी कर रही है, इसलिए रिपोर्ट दर्ज होने में अभी समय लग सकता है। यदि विवेचक खुद के निर्णय पर स्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने को आदेश देते हैं तो मामला दर्ज हो सकता है।
कानून के जानकारों का कहना है कि जांच हाईकोर्ट की निगरानी में चल रही है और इस मामले में 23 तारीख को सुनवाई भी होनी है, लिहाजा जांच टीम कोर्ट में छात्रा के दिए गए बयानों का अवलोकन करने के बाद अब तक की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी। इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर भी स्वामी के खिलाफ कोर्ट के बयानों के आधार पर रिपोर्ट दर्ज हो सकती है।