ताज़ा खबरें
'सात दिन के अंदर सरेंडर कर दें लूटे हुए हथियार': राज्यपाल मणिपुर
सुविधा के अभाव में भी आंबेडकर ने देश राजनीतिक को हिलाया: राहुल
पश्चिम बंगाल: अचानक आए तूफान से ढहे कई मकान, कई लोग घायल
दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने ली करवट, कई इलाकों में हुई बारिश
रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, प्रवेश वर्मा समेत 6 बने मंत्री

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2015 की इस परीक्षा के कुछ ऊंचे रैंक वालों को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों ने बताया कि करीब 25 परीक्षार्थियों पर जांच एजेंसी की नजर गई है जिनमें कुछ ने मेधा सूची में शीर्ष दस में जगह पाई थी। सीबीआई ने इन उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया है जो शीघ्र ही निर्धारित तिथियों पर जांचदलों के सामने पेश होंगे। जांच एजेंसी ने 2015 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई अधीनस्थ परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच को लेकर पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की थी।

आरोप है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुई इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हुईं। ये अनियमिताएं साक्षात्कार, उत्तर पुस्तिकाएं बदलने, प्रश्नपत्र लीक होने के बाद भी परीक्षा रद्द नहीं किए जाने, आरक्षण से जुड़े नियमों के उल्लंघन, किसी खास क्षेत्र एवं खास जाति के उम्मीदवारों को अधिक अंक दिए जाने से संबंधित हैं। जांच एजेंसी को राज्य सरकार से इस परीक्षा की जांच करने की सिफारिश मिली थी।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने 2012-2017 के बीच यूपीपीएससी द्वारा कराई गई परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं पर गौर करने के लिए प्राथमिक जांच दर्ज की थी। प्रथमदृष्टया सबूतों के आधार पर जांच एजेंसी ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों में 2015 की परीक्षा के सिलसिले में यूपीपीएससी के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख