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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 12 विधायकों को पैसे देने के लिए धमकी मिलने के मामले में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि ना सिर्फ 12 विधायकों, बल्कि भोपाल के एक पत्रकार सहित दिल्ली और राजस्थान में कुछ अन्य लोगों को भी धमकी भरे मैसेज मिले हैं। कुमार ने बताया कि एसआईटी मामले की जांच करेगी। प्रथम दृष्टया यह सुनियोजित साजिश लगती है। टेक्सास (अमेरिका) के एक लैंडलाइन नंबर से मैसेज भेजे गये, जिस पर व्हाट्सएप की सुविधा है। आईपी एड्रेस और गेटवे की जानकारी मिली है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर विधायकों को धमकी दिये जाने के प्रकरण का संज्ञान लेते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) से इस प्रकरण के सभी तथ्यों की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देष दिये कि तत्काल एटीएस और एसटीएफ के माध्यम से प्रकरण की गम्भीरता से जांच की जाये।

उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के दोषियों का शीघ्रता से खुलासा करते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये।

प्राथमिकी दर्ज करानेवाले विधायकों का कहना है कि उन्हें जो मैसेज मिला है उसमें दस लाख रुपये तीन दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है अन्यथा परिवार के सफाये की धमकी दी गयी है। विधायकों वीर विक्रम सिंह (मीरनपुर कटरा, शाहजहांपुर), प्रेम प्रकाश पांडेय (तरबगंज, गोंडा), विनय कुमार द्विवेदी (मेहनौम, गोंडा), विनोद कटियार (भोगनीपुर, कानपुर), शशांक त्रिवेदी (महोली, सीतापुर) और अनीता राजपूत (डिबाई, बुलंदशहर) को एक जैसी धमकी मिली है। पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह किसी की शरारत लगती है।

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