लखनऊ: आगरा में पांच अक्टूबर को होने वाली समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच सुलह की अटकलें तेज हो गयी है। चर्चा है कि चाचा-भतीजे के बीच सुलह कराने में मुलायम सिंह यादव अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अप्रत्याशित राजनीतिक दांव चलने के माहिर माने जाने वाले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में फिर कोई नया धमाका किये जाने की संभावना है। मुलायम सिंह के साथ-साथ शिवपाल सिंह यादव के भी सपा के सम्मेलन में शामिल होने की चर्चा है।
एक प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल की रिपोर्ट में सपा के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर से पहले तक चाचा-भतीजे में सुलह हो जायेगी। इसी के मद्देनजर मुलायम सिंह यादव के घर पर यादव परिवार के लोग एकजुट होंगे और अखिलेश यादव व शिवपाल यादव के बीच सुलह के रास्ते तलाशे जायेंगे।
सूत्रों के हवाले से यह भी बताया जा रहा है कि सुलह 95 फीसदी हो चुका है। बस आज देर शाम से कल तक सिर्फ मुहर लगनी है।
गौर हो कि शिवपाल अब इस बात पर अड़े हुए हैं कि उनके जिन तीन करीबियों को अखिलेश ने पार्टी से निकाला है, उन्हें दोबारा से पार्टी में वापस शामिल किया जाएं। इसके अलावा शिवपाल खुद के लिए अब राष्ट्रीय महासचिव का पद चाहते हैं, जिस पर नेताजी भी सहमत बताये जा रहे हैं।
हालांकि शिवपाल यादव के राष्ट्रीय राजनीति में सबसे बड़ा रोड़ा रामगोपाल यादव हैं। बताया जाता है कि रामगोपाल को लगता है कि शिवपाल के राष्ट्रीय राजनीति सक्रिय होने से उनका राजनीतिक कद कमजोर होगा। वहीं, पार्टी के एक प्रमुख नेता ने यह संकेत दिया है कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव दोनों पांच अक्टूबर को आयोजित सपा के अधिवेशन में शामिल होंगे।