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बेंगलुरु: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कानून के छात्रों से संविधान का अध्ययन ठीक से करने का आह्वान करते हुए उनसे कहा कि वे शासन और राज्य से जुड़े सभी मामलों में भागीदारी कर उन परिवर्तनों का माध्यम बनें, जो वे चाहते हैं। प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'मैं आप सभी कानून के छात्रों से हमारे संविधान का अध्ययन ठीक से करने का आग्रह करता हूं। हमारी राजनीतिक व्यवस्था समझें, संविधान और कानून के तहत स्थापित उसकी संस्थाओं और प्रक्रियाओं को समझें। देश आज जैसा है, उसके निर्माण के क्रम में अपनाए गए विकल्पों का विश्लेषण करें।' राष्ट्रपति ने यह बात नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के 24वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में कही। उन्होंने कहा, 'शासन और राज्य से जुड़े हुए सभी मामलों में आप जो परिवर्तन चाहते हैं, भागीदारी के माध्यम से बनें। हमारे सुंदर, जटिल, अक्सर कठिन और कई बार शोर-गुल से भरे लोकतंत्र के साथ जुड़ना पसंद करें, हमारी कानूनी और राजनीतिक संस्थाओं को मजबूत और परिष्कृत बनाने में मदद करें।' राष्ट्रपति के भाषण की प्रति के अनुसार उन्होंने कानून के छात्रों से आग्रह किया कि वे बेहतर नागरिक बनाने में राष्ट्र की मदद करें, जो राष्ट्र और समाज की तरफ से मिल रहे तमाम अवसर तक पहुंच पाने में सक्षम हों।

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