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बेंगलुरु: सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही एक्शन मोड में आ गए हैं। बीते दिन शपथ के कुछ घंटों बाद ही सरकार की पहली कैबिनेट बैठक की गई, जिसमें कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषणापत्र में घोषित 5 गारंटी को मंजूरी दे दी गई। सरकार के इस फैसले से सूबे के लाखों ग़रीब लोगों को मुफ्त में कई बड़ी सेवाओं का लाभ मिलेगा।

दो वादों पर अमल हुआ शुरू

कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावी घोषणापत्र में किए गए 5 वादों को मंजूरी मिलने के बाद दो पर काम शुरू भी हो गया है। इसमें गृह लक्ष्मी योजना और अन्ना भाग्य योजना शामिल है।

गृह लक्ष्मी योजना में हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। अन्ना भाग्य योजना में बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल मुफ्त मिलेंगे।

दरअसल, इन योजनाओं से कांग्रेस छोटे तबके को साधने में लगी है, जिसका असर वो अगले साल (2024) होने वाले लोकसभा चुनाव में देखना चाहेगी।

कर्नाटक में कांग्रेस ने किये थे पांच वादे

गृह ज्योति- सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली

उचिता प्रयाण- सरकारी बसों में महिलाएं के लिए मुफ्त यात्रा

अन्ना भाग्य- बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल मुफ्त

गृह लक्ष्मी- हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये सहायता

युवा निधि- बेरोजगार स्नातक युवाओं को 3,000 रुपये हर महीने और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए दो साल तक 1,500 रुपये

सिद्धारमैया का दावा संसाधन जुटाना नहीं है असंभव

विपक्ष यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहा है कि हमने जिन गारंटी योजनाओं की घोषणा की है, वे हमारे राज्य को भारी कर्ज में डूबा देंगी और प्रधानमंत्री ने खुद अपने मन की बात में कहा है कि ऐसी योजनाओं को शुरू करने से अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी और राज्य को भारी कर्ज उठाना पड़ेगा। लेकिन हमारी गणना के अनुसार, इन योजनाओं को लागू करने के लिए सालाना 50,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है और संसाधन जुटाना असंभव नहीं है।

50,000 करोड़ प्रति वर्ष होंगे खर्च

कर्नाटक सरकार द्वारा 5 गारंटियों को लागू करने से राज्य की वित्तीय स्थिति पर बड़ा दबाव भी पड़ने वाला है। इन वादों को पूरा करने में सरकार को 50 हजार करोड़ की जरूरत होगी। अनुमान है कि अकेले गृह ज्योति योजना को लागू करने के लिए 1200 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

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