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गाँधीनगर: कांग्रेस से नाराज चल रहे शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि कांग्रेस ने मुझे 24 घंटे पहले निकाल दिया।विनाशकाले विपरीत बुद्धि, लेकिन लोग हमारी संजीवनी हैं। मैं 77 नॉटआउट हूं। आरएसएस से मेरा पुराना नाता रहा है, मुझे सत्ता की लालसा नहीं है। मुझे भगवान शंकर ने विष पीना सिखाया है। वहीं कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने वाघेला पर कोई कार्रवाई नहीं की है। शंकर सिंह वाघेला गांधीनगर में अपने जन्मदिन पर गांधीनगर में एक सम्मेलन का आयोजन किया। उनकी मानें तो कांग्रेस को इस बात का डर था कि वो शुक्रवार के समारोह में कुछ भी कह सकते हैं। वाघेला इसे विनाशकाले विपरीत बुद्धि कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर ने मुझे विष पीना सिखाया है। मैं भाजपा में नहीं जाऊंगा। मैं अपने आप कांग्रेस को अपने से मुक्त करता हूं। अभी कुछ दिनों पहले ही मैं सोनिया गांधी जी से मिला और मैंने उनसे कहा कि मैं भाजपा में जाकर उनका विश्वास कभी नहीं तोडूंगा। इसके साथ ही वाघेला ने विधान सभा में नेता विपक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया है। वाघेला ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। इसके बाद वाघेला बोले कि आरएसएस से मेरा पुराना नाता रहा है।

गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता शंकर सिंह वाघेला शुक्रवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर गांधीनगर में एक बड़ा सम्मेलन कर रहे हैं। इस सम्मेलन में कई बड़े नेताओं को न्योता दिया गया है। वाघेला ने कल दिल्ली में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से भी मुलाकात की। इस सम्मेलन का नाम सम-संवेदना समारंभ है। इस सम्मेलन में कांग्रेस के सभी विधायकों के अलावा एनसीपी के दो और जेडीयू के एक विधायक को भी न्योता पहुंचा है। बता दें कि अभी कुछ ही दिनों पहले वाघेला ने एक सम्मेलन में पार्टी नेतृत्व पर जमकर हमला बोला था। उनका कहना था कि गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जिस तरह से तैयारी की जा रही है, उससे जीतना संभव नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी से खटास की अटकलों के बीच वाघेला ने अपने समर्थकों के सम्मेलन को संबोधित किया था। इसे उनके 'शक्ति प्रदर्शन' के तौर पर देखा जा रहा है। वाघेला ने कहा, प्रत्याशियों का चयन चुनाव से काफी पहले होना चाहिए। हाथ पांव बांध कर पानी में फेंक देने पर किसी से तैरने की उम्मीद नहीं की जा सकती। पार्टी में कुछ लोग मालिक बनने का प्रयास कर रहे हैं।

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