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नई दिल्ली: संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। बंगाल सरकार ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच से मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। जिसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने इस मामले को लिस्ट करने का भरोसा तो दिया, लेकिन सुनवाई का समय अभी तय नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई का समय देने से इंकार करते हुए कहा कि सुनवाई कब और कहां हो, ये सीजेआई तय करेंगे।

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि वह इस मामले को सूचीबद्ध करने के लिए सीजेआई के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि मामला सूचीबद्ध किया जाएगा, लेकिन समय या तारीख बताने से उन्होंने इंकार कर दिया। अदालत में पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमें तत्काल सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि हाईकोर्ट हमें अवमानना ​​के लिए जिम्मेदार ठहरा सकता है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

बता दें कि कोलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को संदेशखाली मामले के आरोपी शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इसके लिए अदालत ने समय सीमा भी तय कर दी है। हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख और मामले से जुड़ी सभी सामग्री सौंपने के लिए आज शाम 4.30 बजे तक का समय दिया है। वहीं बंगाल सरकार चाहती थी कि सुप्रीम कोर्ट मामले में दखल देते हुए तत्काल सुनवाई करे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने का आदेश

बता दें कि शाहजहां शेख 5 जनवरी से ही फरार था, जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर छापे के दौरान उसके समर्थकों की भीड़ ने हमला कर दिया था। इसके बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। सत्तारूढ़ तृणमूल पर निशाना साधते हुए बीजेपी ने उसे बचाने का आरोप लगाया था। 55 दिनों तक फरार रहने के बाद आखिरकार शाहजहां शेख को पुलिस की एक विशेष टीम ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने छह साल के लिए उसे पार्टी से निलंबित कर दिया था। मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को शाहजहां को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।

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