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भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच शुरू की है। कांग्रेस ने उन पर पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए थे और इसे लेकर 11 मई 2023 को लोकायुक्त को शिकायत की थी। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में मानहानि का केस करेंगे। कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर लोकायुक्त ने पंजी क्रमांक 572/सी/2023-24, जांच क्रमांक 0035/ई/ 2023-24 दिनांक 30.05.2023 में पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त को 8 अगस्त 2023 तक जांच रिपोर्ट मांगी है।​​​​​​

कांग्रेस ने लगाया था बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने का आरोप

मध्यप्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और कांग्रेस आरटीआई प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन ने 30 मई को भोपाल स्थिति प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके परिवार पर 2008 से 2018 के बीच बेहिसाब संपत्ति एकत्रित करने के आरोप लगाए थे।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि साल 2018 के बाद भी मंत्री भूपेंद्र सिंह, उनके परिवार और रिश्तेदारों ने आय से अधिक संपत्ति एकत्रित की।

कांग्रेस ने 2008 के विधानसभा चुनाव, 2009 के लोकसभा चुनाव, 2013 के विधानसभा चुनाव और 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेंद्र सिंह के चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्रों की जानकारी दी। साथ साल 2013 और 2020 में प्रकाशित एडीआर रिपोर्ट्स को भी अपने आरोपों का आधार बनाया।

मंत्री भूपेंद्र सिंह बोले- मानहानि का केस करूंगा

नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मेरी चल-अचल संपत्ति पैतृक और घोषित है। कांग्रेस ने तथ्यहीन आरोप लगाए हैं। पैतृक भूमि पर बैंकों से लोन लेकर बनाई गई संपत्ति को लेकर कांग्रेस भ्रमित कर रही है। उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराएंगे।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पैतृक संपत्ति को भी कांग्रेस नेताओं ने स्वअर्जित बताते हुए झूठे आरोप लगाए हैं। हकीकत यह है कि मेरे स्वर्गीय पिताजी के पास 12 गांव की मालगुजारी थी। परिवार के पास पीढ़ियों से करीब 1200 एकड़ जमीन है। इनमें से अधिकांश क्षेत्र सागर शहर से लगे है। शहरी क्षेत्र बढ़ने से इन जमीनों की कीमत भी बढ़ गई। अब इन जमीनों का आकलन बढ़ गया, तो मैं या परिवार दोषी कहां से हो गया।

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे हर साल दिए जाने वाले आयकर रिटर्न और चुनावों के समय दिए गए घोषणा पत्रों के आधार पर ही कांग्रेस ने संपत्ति का आकलन किया है। उसकी वर्तमान कीमत बताते हुए मात्र उद्देश्यों को पूरा किया है। होटल का निर्माण साल 2002 में किया गया था, जो कि पैतृक भूमि पर बनाई गई है। होटल, आवास, दूध डेयरी के निर्माण के लिए समय-समय पर 42 करोड़ 45 लाख 86 हजार रुपए का लोन वि​भिन्न बैंकों से लिया है। कांग्रेस नेताओं ने यह आरोप लगाए हैं कि होटल, डेयरी और निवास की जमीन को मैंने खरीदकर वर्तमान बाजार मूल्य पर वर्ग फीट की दर से आकलन किया है, जो निराधार हैं। ये सभी पैतृक भूमि पर बने हैं।

कांग्रेस ने ये आरोप लगाए

भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह के नाम अचल संपत्तियों में साल 2008 में सागर में एक करोड़ का दीपाली होटल, साल 2013 में इसी होटल में 50 प्रतिशत भागीदारी और साल 2018 में 33.27 करोड़ रुपए की संपत्ति दिखाई गई है। स्पष्ट है कि भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह की अचल संपत्ति में साल 2008-09 से साल 2018 के बीच करीब 33 गुना की बढ़ोतरी दिए गए शपथ पत्रों में दिख रही है।

चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्रों से यह नजर आता है कि सरोज सिंह का होटल दीपाली और साल 2013 के बाद शुरू हुए दीपाली ऑटोमोबाइल नाम के प्रतिष्ठान के अतिरिक्त अन्य आय का साधन नहीं हैं। यदि भौतिक रूप से सागर जिले में स्थित दीपाली होटल और उसके साथ संलग्न मैरिज हॉल, एक्टेंशन होटल, प्ले जोन आदि का मूल्यांकन विशेषज्ञों के माध्यम से किया जाए, तो यह संपत्ति करीब 200 करोड़ से अधिक की है। इससे स्पष्ट होता है कि सरोज सिंह और उनके भागीदार भूपेंद्र सिंह ने अर्जित अनुपातहीन धन को दीपाली होटल और उसके साथ ही संलग्न संपत्तियों के निर्माण में खर्च कर करोड़ों के आयकर की हेराफेरी की। मनी लॉन्ड्रिंग भी की गई है।

साल 2018 में भूपेंद्र सिंह के नामांकन के साथ दिए शपथ पत्र के अनुसार उनकी पत्नी सरोज सिंह को विभिन्न दान-पत्रों व रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों के माध्यम से 13 जून 2014, 07 मार्च 2015 और 23 दिसंबर 2016 को करीब 1.06 हेक्टेयर भूमि /वाणिज्यिक भूमि और 60,632 वर्ग फीट पर निर्मित भवन व कार्यालय की संपत्ति मिलना बताया है। जबकि साल 2008, साल 2009 व साल 2013 के शपथ पत्र में सिर्फ होटल दीपाली में 50 प्रतिशत भागीदारी दिखाई गई है। इससे स्पष्ट है कि साल 2013 से साल 2018 के बीच सरोज सिंह की संपत्ति में कई गुना वृद्धि हुई है। यदि सरोज सिंह के नाम दान में मिले आवास, सह कार्यालय का भौतिक मूल्यांकन किया जाए, तो यह सागर स्थित संपत्ति का वर्तमान मूल्य करीब 15 से 20 करोड़ के आसपास है।

चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर दिए गए शपथ पत्रों से स्पष्ट होता है कि भूपेंद्र सिंह की अचल संपत्तियों में साल 2008 में 1.10 करोड़ रुपए, साल 2009 में 1.40 करोड़ रुपए, साल 2013 में 3.57 करोड़ और साल 2018 में 7.67 करोड़ दिखाया गया है। स्पष्ट है कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए भूपेंद्र सिंह की अचल संपत्ति में कई गुना की वृद्धि हुई है। इसी तरह उनकी चल संपत्तियों में साल 2013 में 1.30 करोड़ और साल 2018 में 2.86 करोड़ दर्शाए गए हैं, जो कि पांच साल के दौरान करीब दोगुना से अधिक की वृद्धि है। यह गंभीर सवाल खड़े करता है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग के समक्ष समय-समय पर प्रस्तुत शपथ पत्रों से स्पष्ट है कि साल 2008 व साल 2009 में मंत्री भूपेन्द्र सिंह के पास ग्राम बामोरा जिला सागर में 10 एकड़ कृषि भूमि 50 लाख रूपये की थी, जो साल 2013 में मात्र 1.37 एकड़ जिसकी कीमत 19.25 लाख दिखाया गया। साल 2013 से साल 2018 के बीच भूपेन्द्र सिंह को विरासत में 5.71 हेक्टेयर और 0.22 हेक्टेयर अनुमानित मूल्य 1.29 करोड रूपए हो गई। इसकी जांच करने की जरूरत है।

साल 2018 के नामांकन शपथ पत्र से स्पष्ट है कि भूपेन्द्र सिंह की आश्रित पुत्रियों को 3.22 और 3.22 हेक्टेयर भूमि 24.07.2018 और 30.07.2018 को मिली है, जिनका भुगतान सरोज सिंह पत्नी भूपेन्द्र सिंह द्वारा करना दिखाया गया है। इससे स्पष्ट है कि सरोज सिंह द्वारा वर्ष 2013 से 2018 के बीच बेटियों के नाम अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की गई है।

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