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नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को करारा झटका लगा है। पूर्व सांसद अशोक तंवर ने चुनाव से ऐन वक्त पहले कांग्रेस हाथ थाम लिया है। हैरानी की बात ये है कि अशोक तंवर गुरुवार को जींद के सफीदों में बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे थे। इसके कुछ घंटे बाद वह महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी से मिले। इसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबर आई। तंवर 5 साल में 4 राजनीतिक पार्टियां बदल चुके हैं। अशोक तंवर ने 5 साल पहले हुड्‌डा से मतभेद की वजह से ही कांग्रेस छोड़ी थी।

अशोक तंवर ने 1993 में अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस से ही शुरू की थी। 2003 में वह कांग्रेस पार्टी के छात्र विंग, एनएसयूआई और 2005 में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। यूथ कांग्रेस में उन्होंने राहुल गांधी के साथ काम किया। राहुल गांधी ने ही 2014 में अशोक तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी सौंपी थी। अशोक तंवर सिरसा से कांग्रेस सांसद और 2014-2019 के बीच हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ थे। इसी दौरान उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

अपनी पार्टी फेल हुई, तो टीएमसी में हुए शामिल

कांग्रेस छोड़ने के बाद 2021 में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई। इस पार्टी का नाम उन्होंने 'अपना भारत मोर्चा' रखा। हालांकि, ये फेल रही। इसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। टीएमसी में करीब 6 महीने रहने के बाद वहां से भी इस्तीफा दे दिया।

आप के बाद फिर बीजेपी का चुना साथ

4 अप्रैल 2022 को अशोक तंवर आप में शामिल हो गए। इसके बाद 2024 में आप छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें सिरसा लोकसभा सीट से टिकट दिया था। इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस की कुमारी शैलजा से था। लोकसभा चुनाव में शैलजा ने अशोक तंवर को 2,68,497 वोटों से हराया था।

हुड्डा से हमेशा रहा मनमुटाव

हालांकि, तंवर और भूपेंद्र हुड्डा में हमेशा मनमुटाव बना रहा। कहा जाता है कि हुड्डा की वजह से ही अशोक तंवर ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कुर्सी छोड़ दी। फिर 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे से नाराज होकर उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी।

कांग्रेस ने किया स्वागत

अशोक तंवर के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा- "कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक की आवाज़ उठाई है। संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है। हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज बीजेपी के सीनियर नेता, पूर्व सांसद और हरियाणा में बीजेपी की कैंपेन कमेटी के सदस्य अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके आने से दलितों के हक की लड़ाई को और मज़बूती मिलेगी।"

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