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नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने विधायिका के किसी भी हस्तक्षेप की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि न्यायाधीश के रूप में अपने 24 साल के कार्यकाल में उन्हें कभी भी किसी सरकार की ओर से किसी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा। ऑक्सफोर्ड यूनियन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत में न्यायाधीशों को मुकदमों में भावनाओं के बजाय संवैधानिक व्यवस्था पर आधारित स्थापित परंपराओं के अनुसार निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

उन्होंने कहा, 'अगर आप मुझसे राजनीतिक दबाव, सरकार के दबाव के बारे में पूछें, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि 24 वर्षों से मैं न्यायाधीश हूं और मुझे सत्ता पक्ष की ओर से कभी भी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा। भारत में हम जिन लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करते हैं, उनमें यह भी शामिल है कि हम सरकार के राजनीतिक अंग से अलग-थलग जीवन जीते हैं।” सामाजिक दबाव' के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायाधीश अकसर अपने निर्णयों के सामाजिक प्रभाव के बारे में सोचते हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान बीते दशकों में हर चनौती और हर कसौटी पर खरा उतरा है। जब यह बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थी, जो इसके असफल होने की कामना कर रही थीं। देश में संविधान लागू होने के बाद भी इसपर अनेक बार हमले हुए। आज 27 जून है। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर बीते हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन तब भी देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त कर के दिखाया, क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं। राष्ट्रपति के ऐसा बोलते ही पीएम मोदी ने मेज थपथपाकर उनकी इस बात का समर्थन किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि दो साल तक देश में आपातकाल लागू रहा, इस दौरान लोगों के सभी अधिकार छीन लिए गए थे। उन्होंने कहा कि हम सभी संविधान की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। उनके इतना बोलते ही सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का हंगामा मंगलवार को भी देखने को मिला था।

नई दिल्ली: पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली एम्स से बृहस्पतिवार दोपहर को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वह एम्स से अपने आवास के लिए रवाना हो चुके हैं।

बुधवार देर रात किया गया था भर्ती

जानकारी के मुताबिक, यूरिन में संक्रमण के कारण उन्हें बुधवार देर रात एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया था।एम्स के डॉक्टरों के अनुसार, भाजपा नेता की हालत स्थिर होने पर उन्हें निगरानी में रखा गया था। यूरिन में संक्रमण से संबंधित परेशानी के चलते यूरोलाजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमलेश सेठ के नेतृत्व में उनका इलाज चल रहा था। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार उन्हे रात 10.28 बजे ओल्ड प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया था। यूरोलाजी के डॉक्टर और नर्सिंग कर्मचारी उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे थे।

8 नवंबर, 1927 को कराची में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी को 30 मार्च, 2024 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।

नई दिल्ली (आशु सक्सेना): लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार (26 जून, 2024) को आपातकाल की निंदा का प्रस्ताव पढ़ा था। इस दौरान उन्होंने आपातकाल की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया था। इसी बीच राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने इमरजेंसी पर प्रस्ताव पर अपनी नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक प्रस्तावों से हमें बचना चाहिए।

राहुल गांधी ने बिरला से जताई आपत्ति

राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने आपातकाल की निंदा के प्रस्ताव पर अपनी नाखुशी जाहिर की और कहा कि स्पीकर को ऐसा राजनीतिक प्रस्ताव नहीं लाना चाहिए था और इससे बचना चाहिए था। इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ राहुल गांधी ने आज स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की।

संसद भवन में राहुल गांधी की नेता विपक्ष के तौर पर स्पीकर बिरला से हुई मुलाकात के बाद वेणुगोपाल ने बताया कि यह शिष्टाचार भेंट थी जिसमें उनके साथ इंडिया गठबंधन के अन्य कई सहयोगी नेता भी शामिल थे। 

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