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पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): 18 वीं लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा उपचुनावों की बारी है। 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर आज (बुधवार) वोट डाले जा रहे हैं। ये सीटें बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की हैं। सबसे अधिक बंगाल की 4 सीटें, हिमाचल प्रदेश की 3 सीटें, उत्तराखंड की 2 सीटें और बिहार, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और पंजाब की एक-एक सीट पर वोटिंग हो रही है।

9 बजे तक रूपौली में 9.23% और जालंधर में 10.30% वोटिंग  

बिहार की रूपौली विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के तहत बुधवार को सुबह नौ बजे तक लगभग 9.23 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस निर्वाचन क्षेत्र में शांतिपूर्वक मतदान हो रहा है और शुरुआती दो घंटों में 9.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को सुबह नौ बजे तक 10.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जुलाई, 2024) को मुस्लिम महिलाओं को लकेर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने अहम निर्णय में फिर साफ किया है कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक मुस्लिम महिला पति से गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है। एक मुस्लिम शख्स ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुजारा भत्ता को लेकर अहम फैसला दिया है। मोहम्मद अब्दुल समद नाम के शख्स ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत तलाकशुदा पत्नी को गुजारा भत्ता देने के निर्देश के खिलाफ मोहम्मद अब्दुल समद के जरिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि 'मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 1986' धर्मनिरपेश कानून पर हावी नहीं हो सकता है। जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस मसीह ने अलग-अलग, लेकिन सहमति वाले फैसले दिए। हाईकोर्ट ने मोहम्मद समद को 10 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था।

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध साल 2022 से लगातार जारी है। इस युद्ध में कई भारतीय युवा वहां फंसे हुए हैं। जिनमें से कई युवा रूस की तरफ से जंग भी लड़ रहे हैं। हालांकि ये युवा अपनी मर्जी से नहीं बल्कि जबरदस्ती हथियार उठाने को मजबूर हैं। इनमें से ही गुरुदासपुर के गगनदीप सिंह भी हैं। जो पिछले कई महीनों से रूस में फंसे हुए हैं। गगनदीप के पिता बलविंदर सिंह का कहना है कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां फंसे उनके बेटे सहित अन्य भारतीयों को भारत लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।

रूसी सेना ने जबरन हथियार थमा युद्ध में धकेला: बलविंदर सिंह

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, गगनदीप के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि उनका बेटा 24 दिसंबर को टूरिस्ट वीजा पर घर से रूस गया था। जिसे करीब 7 महीनें हो गए हैं। उनका आरोप है कि रूस में उसे एक टैक्सी ड्राइवर ने धोखा दिया और उसे और उसके दोस्तों को हाइवे पर छोड़ दिया। जिसके बाद रूसी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और वहां रूस की सेना को सौंप दिया गया।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) पर भारत विरोधी गतिविधियों के कारण लगाया गया प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि एसएफजे को पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, क्योंकि इसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक हैं।

इसमें कहा गया है कि एसएफजे पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त है तथा इसका इरादा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है।

मंत्रालय ने कहा कि एसएफजे भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को भारत संघ से अलग करने के लिए गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है और उनकी मदद कर रहा है। मंत्रालय के मुताबिक, यह संगठन भारत और अन्य स्थानों पर अलगाववादी समूहों का समर्थन करता है और इसके लिए वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त है जिनकी मंशा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है।

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