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नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने बृहस्पतिवार को ब्राजील के न्यायाधीश एंतोनियो हर्मन बेंजामिन का स्वागत किया तथा उन्हें ‘‘भारत का अच्छा मित्र’’ बताया।

न्यायमूर्ति बेंजामिन भारत की यात्रा पर आए हैं। उन्होंने सीजेआई तथा उच्चतम न्यायालय के दो अन्य न्यायाधीशों के साथ मंच साझा किया तथा न्यायिक प्रक्रियाएं देखीं। न्यायमूर्ति बेंजामिन का जुलाई में ब्राजील के उच्चतम न्यायालय का प्रधान न्यायाधीश बनना तय है।

सीजेआई ने वकीलों तथा अदालत कक्ष में उपस्थित वादियों से उनका परिचय कराते हुए कहा, ‘‘यह भारत के अच्छे मित्र हैं… यह जल्द ही ब्राजील के उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश के तौर पर 22 जुलाई को पदभार संभालने जा रहे हैं। हमें खुशी हैं कि वह हमारे साथ मौजूद हैं।’’

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा कि न्यायमूर्ति बेंजामिन एक प्रतिष्ठित विद्वान हैं, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काफी काम किया है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि नीट-यूजी मामले में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई है, ऐसे में दोबारा परीक्षा कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है। उसने वायरल टेलीग्राम वीडियो को भी फर्जी बताया है।

साथ ही कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी और यह चार दौर में आयोजित की जाएगी।

स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले

हलफनामे के अनुसार, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी अभ्यर्थी को कोई लाभ न मिले।हलफनामे में कहा गया है कि आइआइटी मद्रास का डाटा एनालिटिक्स कोई बड़ी अनियमितता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखाता है। इसमें पिछले दो वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। इसमें कहा गया है कि अंकों का वितरण सामान्य बेल कर्व का पालन करता है और यह किसी अनियमतिता को इंगित नहीं करता है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) के लिए कट-ऑफ स्कोर कम करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। साथ ही साथ मुख्य न्यायधीश ने याचिकाकर्ता को सलाह देते हुए कहा है कि पढ़ो भाई।

पहुंचा था एआईबीई की कट-ऑफ कम कराने

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कट-ऑफ कम करने से बार में भर्ती होने वाले वकीलों की क्षमता पर असर पड़ेगा।

अखिल भारतीय बार परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित करवाया जाता है। इस परीक्षा के बाद ही कोई भी वकील वकालत कर सकता है। यह परीक्षा 10 भाषाओं में साल में 2 बार आयोजित करवाई जाती है। इसमें किसी भी उम्र के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं। परीक्षा में विषय व्यापक हैं, जिनमें संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, जनहित याचिका, पर्यावरण कानून और उद्योग कानून शामिल हैं। कई अन्य शाखाओं के साथ कराधान और बौद्धिक संपदा कानून भी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार (10 जुलाई) को मतदान हुआ। इनमें सबसे ज्यादा चार सीटें पश्चिम बंगाल की रहीं। वहीं, हिमाचल प्रदेश की तीन तो उत्तराखंड की दो सीटों पर भी वोट डाले गए। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद पहली बार चुनाव हुए हैं। 13 सीटों पर उतरे सभी 121 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। इस चुनाव में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर सहित कई दिग्गजों और कुछ नए चेहरों ने भी किस्मत आजमाई है।

13 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा 78.38 फीसदी मतदान मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा सीट पर हुआ है। वहीं उत्तराखंड की बद्रीनाथ सीट पर सबसे कम 47.68 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। हालांकि, अभी अंतिम आंकड़े आना बाकी है। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, उनमें बिहार की रुपौली, पश्चिम बंगाल की रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला, तमिलनाडु की विक्रवंडी, मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा, उत्तराखंड की बद्रीनाथ और मंगलौर, पंजाब की जालंधर पश्चिम और हिमाचल प्रदेश की देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ विधानसभा सीट शामिल हैं।

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