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झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश के 7 राज्यों की 13 सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और उस लिहाज से इन उपचुनाव के नतीजों को अहम माना जा रहा था। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी उपचुनाव होने हैं, ये नतीजे बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। इस लड़ाई में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने एक बार फिर बाजी मारते हुए 10 सीटों पर कब्जा किया है, जबकि बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें मिलीं।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने बीजेपी से छीनी तीन सीटें 

बीजेपी को सबसे बड़ा झटका बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने दिया। दरअसल, पश्चिम बंगाल में 4 सीटों पर उपचुनाव हुआ, जिसमें से चारों ही सीटों पर टीएमसी जीती। इतना ही नहीं इन 4 में से 3 सीटें पहले बीजेपी ने जीत रखी थीं। इसके बाद उत्तराखंड की बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। वहीं, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 2 सीटें जीतीं और सिर्फ एक सीट पर बीजेपी को जीत मिली। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने लुधियाना पश्चिम की सीट जीती तो तमिलनाडु में डीएमके ने जीत दर्ज की।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लते हुए 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है। अब इस पर कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फ़िर हिपोक्रेसी से भरा एक हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "भारत के लोगों में 4 जून 2024 जिसे इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के नाम से जाना जाएगा। इस दिन मिली निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार से पहले उन्होंने (पीएम मोदी) दस सालों तक अघोषित आपातकाल लगा रखा था। यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों और संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया है।"

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आगे कहा, "यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था।

नई दिल्ली: विपक्ष के संविधान बचाओ के नारे को लेकर चल रही सियासी जंग के बीच केंद्र ने आपातकाल के मुद्दे को अपना हथियार बनाया है। केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित कर दिया है। केंद्र ने अपने इस फैसले को आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र बहाली की जंग लड़ने के दौरान अमानवीय यातना झेलने वाले लाखों लोगों का सम्मान करार दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा कि उस दिन क्या हुआ था और संविधान को कैसे कुचला गया था।गौरतलब है कि 1975 में इसी दिन तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने देश पर आपातकाल लगाने का एलान किया था और देश में करीब 21 महीने तक आपातकाल लगा रहा था।

गृह मंत्रालय से 11 जुलाई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी। इसके बाद उस समय की सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए।

नई दिल्ली: अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा कि आपस में जुड़ी दुनिया में “कोई भी युद्ध अब किसी से दूर नहीं है।” गार्सेटी ने इस बात पर जोर दिया कि देशों को न सिर्फ शांति के लिए खड़ा होना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम भी उठाने चाहिए कि जो लोग शांतिपूर्ण तरीके से काम नहीं करते, उनकी युद्ध मशीनें “बेरोकटोक जारी नहीं रहें।”

राजदूत गार्सेटी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘और यही बात अमेरिका और भारत दोनों को मिलकर जानने की जरूरत है।'' उन्होंने दिल्ली और वाशिंगटन के बीच एक मजबूत साझेदारी की भी वकालत की।

उनकी यह टिप्पणी यूक्रेन-रूस और इजराइल-गाजा सहित विश्व में चल रहे अनेक संघर्षों की पृष्ठभूमि में आई है।

यहां एक रक्षा समाचार सम्मेलन में अपने संबोधन में उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को गहरा, प्राचीन और व्यापक बताया। उन्होंने कहा, 'आज जब हम अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को देखते हैं तो मुझे लगता है कि यह अपने चरम पर गया है।'

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