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नई दिल्ली: चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है। सुनवाई केको दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़े सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने कहा कि सत्ताधारी दल विपक्षियों के चंदे की जानकारी ले सकते हैं। लेकिन विपक्षी दल ये जानकारी नहीं ले सकते। केंद्र ये सुनिश्चित करेगा कि इस योजना में प्रोटेक्शन मनी या बदले में लेन-देन नहीं शामिल होगा। क्या ये कहना गलत होगा कि इस योजना से किकबैक को बढावा मिलेगा या इसे वैध ठहराया जाएगा। सीजेआई ने कहा कि हम जानते हैं कि सत्तारूढ़ दल को अधिक दान मिलता है। यह व्यवस्था का हिस्सा है और यही चलन भी है।

चुनावी बॉन्ड योजना पर कोर्ट का केंद्र से सवाल

मामले पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने केंद्र से सवाल पूछा है। सीजेआई ने कहा कि ये योजना चुनिंदा गुमनामी और चुनिंदा गोपनीयता रखती है। इसमें कोई शक नहीं कि इस योजना के पीछे सोच सराहनीय है। यह पूरी तरह से गुमनाम या गोपनीय नहीं है। यह एसबीआई के लिए गोपनीय नहीं है।

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की एथिक्स कमेटी से एक खास मांग की है। उन्होंने कहा है कि वो चाहती हैं इस पूरे मामले में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की बेहतर तरीके से जांच की जाए। जरूरत हो उन्हें क्रॉस एक्जामिन भी किया जाए। महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी को पत्र लिखकर यह मांग की है। साथ ही महुआ मोइत्रा ने ये भी दावा किया है कि संसदीय समितियों को आपराधिक मामलों में जांच का कोई अधिकार नहीं है। ये केवल जांच एजेंसियां ही कर सकती हैं।

खास बात ये है कि महुआ मोइत्रा ने ये मांग उस समय की है, जब उन्हें कल यानि दो नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने इस मामले में पेश होना था। महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने कारोबारी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे और संसद का अपना लॉग इन पासवर्ड भी उनसे साझा किया।

गौरतलब है कि इस मामले में बीजेपी नेता निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई पहले ही एथिक्स कमेटी के सामने पेश हो चुके हैं।

नई दिल्ली: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने 2 नवंबर को पेश होंगी। कमेटी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद 31 अक्टूबर को पेश होने को कहा था। लेकिन मोइत्रा ने पेश होने के लिए 5 नवंबर तक का वक्त मांगा था। लेकिन कमेटी ने उन्हें अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया और 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा। अब मोइत्रा 2 नवंबर को पेश होंगी।

महुआ मोइत्रा ने बीते शुक्रवार को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह बीजेपी के सदस्य निशिकांत दुबे द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए 'पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने' के आरोपों के मामले में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते 31 अक्टूबर को उपस्थित नहीं हो पाएंगी। उन्होंने 5 नवंबर तक की मोहलत मांगी थी। लेकिन कमेटी ने स्पष्ट किया कि 2 नवंबर के बाद इस तिथि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। महुआ मोइत्रा ने कहा, "अपना विरोध दर्ज कराते हुए मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि मैं समन का सम्मान करूंगी और 2 नवंबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होऊंगी।"

नई दिल्ली: चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि 2019 का अंतरिम आदेश निरंतर जारी रहने वाला आदेश है। इस आदेश में कहा गया है कि चुनावी बांड के माध्यम से पैसा हासिल करने वाले सभी राजनीतिक दल एक सीलबंद कवर में ईसीआई को खुलासा करेंगे। कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा है कि वो 2019 का सीलबंद ब्यौरा अपने पास रखें, उचित समय आने पर अदालत इस ब्यौरे को देख सकती है।

चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि उनके पास केवल वो सीलबंद कवर है, जो 2019 में जमा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को भी इस पर सुनवाई जारी रखेगा।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता जया ठाकुर की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि देश के नागरिक मतदाता हैं ना कि कॉरपोरेट, वो किसको कितना चंदा दे रहे हैं, ये देश के नागरिकों को जानने का अधिकार है। जब कॉरपोरेट किसी पार्टी को चंदा देते हैं, तो इसके पीछे उनकी फायदा उठाने की मंशा होती है। चुनावी बांड योजना से ये पता ही नहीं चलेगा कि ये पैसा कहां से आया या किस तरह का है।

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