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नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, शिव सेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी समेट कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने दावा किया है कि उनके फोन हैक किये जा रहे हैं। इस पर केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और वह इसकी तह तक जाएगी। साथ ही विपक्षी पार्टियों पर हमला करते हुए उन्‍होंने कहा कि देश में कुछ आलोचक हैं। ये लोग देश का विकास नहीं देख सकते हैं। देश में क्योंकि जब उनका परिवार सत्ता में था, तो वे केवल अपने बारे में सोचते थे। एप्‍पल ने 150 देशों में यह सलाह जारी की है।

सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर

अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, "एप्‍पल की ओर से कुछ लोगों को एक अलर्ट आया है, उसके बारे में मैं साफतौर पर कहना चाहता हूं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर है। हम इस मुद्दे के तह तक हम जाएंगे। इस मामले में हमने जांच के आदेश जारी कर दिये हैं। जांच करके हम इस मामले की जड़ तक जाएंगे।"

नई दिल्‍ली: कांग्रेस के शशि थरूर, शिव सेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुवेर्दी और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी समेट कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने दावा किया है कि उनके फोन हैक किये जा रहे हैं। इन नेताओं ने दावा किया है कि खुद एप्पल कंपनी ने मैसेज भेजकर हैकिंग की कोशिश की जानकारी उनके साथ साझा की है। हालांकि, एप्‍पल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम किसी विशेष राज्य प्रायोजित हैकर की बात नहीं कर सकते। ये संभव है कि एप्पल की कुछ सूचनाएं झूठी चेतावनी हो सकती हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय में भी तीन लोगों को इसी तरह के संदेश मिले हैं। वहीं, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि अधिकारी इन संदेशों से अवगत हैं।

एप्‍पल की ओर से जारी बयान में कहा गया, "एप्‍पल ऐसा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं करता है। हम किसी विशेष राज्य प्रायोजित हैकर की बात नहीं कर सकते। ये संभव है कि ऐप्पल की कुछ सूचनाएं झूठी चेतावनी हो सकती हैं। ऐसी सूचनाएं जारी करने की वजह बताने में हम असमर्थ हैं। वजह बताने से भविष्य में हैकर्स को बचने में मदद मिल सकती है।

नई दिल्ली: घूस लेकर संसद में सवाल पूछे जाने के मामले में घिरीं टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा ने मीडिया हाउसेस के खिलाफ दायर किया गया मानहानि का केस वापस ले लिया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने खिलाफ कथित फर्जी और अपमानजनक सामग्री के प्रसारण के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर अपनी याचिका से पक्षकार के रूप में कई मीडिया घरानों को मंगलवार को हटाने का अनुरोध किया। महुआ के वकील ने कहा कि वह इस चरण में किसी तरह की अंतरिम राहत के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं। दिल्ली हाइकोर्ट में आज महुआ मोइत्रा की याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस दौरान महुआ मोइत्रा ने मीडिया के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला वापस ले लिया, साथ ही उन्होंने कहा कि उनका केस बीजेपी सांसद और वकील के ख़िलाफ़ है।

'सिर्फ दो लगों के खिलाफ जारी रहेगा केस'

महुआ के वकील ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता को बताया कि मुकदमा सिर्फ दो प्रतिवादियों- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई के खिलाफ जारी रहेगा।

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में आज तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई हुई। महुआ मोइत्रा ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर बीजेपी सांसद और दूसरे लोगों को उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक सामग्री का प्रसार रोकने की मांग की है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से वक़ील अभिमन्यु भंडारी पेश हुए। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा ने संसद में ली शपथ का उल्लंघन किया है। उन्होंने ने अपने लोकसभा की ईमेल आईडी के लॉगइन पासवर्ड किसी और को दिए। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख़ 5 दिसंबर तय की है।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा के वकील ने कहा कि वो अपनी याचिका पर दबाव नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि वो इस स्टेज पर आदेश नहीं चाहते। पिछली सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा के वकील ने जज की फटकार के बाद अपना नाम वापस ले लिया था। दरअसल, कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही मुख्य शिकायतकर्ता जय अनंत देहाद्राई ने कोर्ट को बताया कि महुआ के वकील शंकर नारायणन ने उनसे संपर्क कर कहा कि शिकायत वापस लेने के लिए समझौता करने की पेशकश की थी।

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