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मुंबई: निर्देशक संजय मांजरेकर ने संजय दत्त के साथ अपनी अगली फिल्म के बारे में खुलासा किया है और बताया है कि अभिनेता करीब 40 वर्षीय एक पिता की भूमिका में नजर आएंगे। यह हिट मराठी फिल्म ‘दे धक्का’ का एक रीमेक होगा। इसकी घोषणा शनिवार को संजय दत्त के 57 वें जन्मदिन पर की गई। मांजरेकर नेबताया, ‘वह 43 या 44 साल के पिता की भूमिका में होंगे। वह एक पंजाबी व्यक्ति के किरदार में होंगे लेकिन सरदार नहीं होंगे। हम उनका लुक परीक्षण करेंगे। फिल्म में हास्य होगा और वह हास्य में बेहतर हैं और वह इसे बेहतर तरीके से करेंगे।’’ दत्त और 63 वर्षीय फिल्मकार ने पूर्व में ‘वास्तव’, ‘कुरूक्षेत्र’ और ‘रक्त’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया है। निर्माता फिल्म में दत्त की पत्नी की भूमिका के लिए अभिनेत्री की खोज में लगे हुये हैं। इस फिल्म की शुरूआत अगले साल दिसंबर या जनवरी में होगी और 2017 के जुलाई-अगस्त में प्रदर्शित होगी।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सोशल मीडिया स्टार कंदील बलोच का गला उसके भाई ने नहीं बल्कि उसके चचेरे भाई ने घोंटा था। यह खुलासा शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट में हुआ है। पूर्व में मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद वसीम ने माना था कि उसने अपनी 26 वर्षीय बहन का गला घोंटा है। लेकिन दोनों संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट से यह दावा खारिज हो गया। टेस्ट के अनुसार, सोशल मीडिया स्टार को इस साल 15 जुलाई को उसके चचेरे भाई हक नवाज ने गला घोंट कर मार डाला था, न कि उसके भाई ने। जियो न्यूज की खबर में कहा गया है कि वसीम ने कंदील के हाथ और पैर पकड़े थे जबकि हक नवाज ने उसका गला घोंटा था। खबर में यह भी कहा गया है कि हत्या से पहले संदिग्धों ने उसे और उसके अभिभावकों को कोई नशीला पदार्थ खिला दिया था। खबर में बताया गया है कि जांच के दौरान पता चला है कि कंदील के सऊदी अरब में रह रहे बड़े भाई आरिफ ने वसीम पर दबाव डाला था कि ‘परिवार के मान सम्मान को ताक पर रखने के कारण’ वह बहन कंदील को मार डाले।

मुंबई: अभिनेत्री फ्लोरा सैनी का कहना है कि आगामी फिल्म ‘बेगम जान’ में अभिनेत्री विद्या बालन के साथ काम करने के दौरान एक कलाकार के रूप में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। 1947 में भारत के विभाजन पर आधारित इस फिल्म को श्रीजीत मुखर्जी ने निर्देशित किया है और इसमें विद्या बालन मुख्य भूमिका में हैं। हाल ही में नागेश कुकुनूर की फिल्म ‘धनक’ में नजर आने वालीं सैनी ने कहा कि शुरुआत में वह ‘द डर्टी पिक्चर’ स्टार के सामने दबाव महसूस कर रही थीं। सैनी ने कहा, ‘हमारा एक महीने का कार्यशाला था जिसमें वह शामिल थीं। शुरुआत में कार्यशाला के दौरान मैं उनके सामने दबाव महसूस कर रही थी लेकिन सेट पर ऐसा नहीं था। उनके साथ काम करना पूरी तरह से सीखने वाला अनुभव था।’ यह फिल्म 2015 में आई बंगाली फिल्म ‘राजकाहिनी’ का रूपांतरण है, जिका निर्देशन भी श्रीजीत ने ही किया था।

नई दिल्ली: साहित्य के साथ गुलजार के रिश्ते में मुंशी प्रेमचंद का सबसे अधिक प्रभाव रहा है और प्रख्यात कवि-गीतकार का मानना है कि एक सदी बीत जाने के बाद भी प्रेमचंद की कृतियों ने अपनी प्रासंगिकता नहीं गंवाई है. प्रेमचंद की कृतियों 'गोदान' और 'निर्मला' को स्क्रीनप्ले प्रारूप में आज पेश करने वाले 81 वर्षीय गुलजार ने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों में दर्शाई गई समस्याएं आज भी मौजूद हैं. गुलजार कहते हैं, 'प्रेमचंद आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वे स्वतंत्रता से पहले के वक्त में थे.' उन्होंने कहा, 'उनके साहित्य, जिन चरित्रों का उन्होंने चित्रण किया, जिन समस्याओं के बारे में उन्होंने बात की, आज भी हम उनसे उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चाहे वह गरीबी हो या जाति के आधार पर भेदभाव, ये चीजें आज भी हमारे समाज में हैं और स्थिति बद से बद्तर हुई है. 'होरी' और 'धनिया' अब भी हमारे गांवों में हैं.'

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