ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच, भारत के विमानन नियामक डीजीसीए ने शनिवार को कहा कि भारतीय एयरलाइनों ने ‘‘ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से’’ से बचने और उड़ान मार्ग को उपयुक्त ढंग से पुन:निर्धारित करने का फैसला किया है। डीजीसीए ने ट्विटर पर कहा, ‘‘डीजीसीए के परामर्श से सभी भारतीय एयरलाइन संचालकों ने यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी हवाई क्षेत्र के प्रभावित हिस्से से बचने का फैसला किया है।’’

अमेरिकी विमानन नियामक, संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने शुक्रवार को एयरमैन को एक नोटिस (नोटम) जारी किया, जिसमें अग्रिम सूचना मिलने तक अमेरिका में पंजीकृत विमानों के ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर जाने पर रोक लगा दी गई। गौरतलब है कि क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां तेज होने के चलते अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी के माहौल में भारत ने यह एहतियातन कदम उठाया है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अर्थशास्त्रियों और उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ शनिवार को हुई बैठक में उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिये बैंक और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने, विनिवेश प्रक्रिया में तेजी लाने तथा जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर खास जोर रहा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह बैठक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने से पहले हुई है। बैठक में सबसे ज्यादा जोर उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने पर रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को नयी सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक में 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक का आयोजन नीति आयोग ने किया। बैठक के दौरान भागीदारों ने पांच अलग अलग समूहों में अपने विचार व्यक्त किये। इन विशेषज्ञों ने वृहद आर्थिक परिवेश और रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने सुझाव एवं विचार रखे। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उनकी अर्थशास्त्री और अन्य विशेषज्ञों के साथ चर्चा फलदायी रही।

नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल दो साल के लिए नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही परिषद ने जीएसटी पंजीकरण हासिल करने के लिए आधार के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल की अनुमति दी हैं बिजली चालित वाहनों और उनके चार्जरों पर जीएसटी दर में कटौती का मामला अधिकारियों की एक समिति को भेजा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में शुक्रवार को यहां हुई जीएसटी परिषद की बैठक में दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने की भी मंजूरी दी गई है। अभी तक इसमें 25,000 रुपये तक का अधिकतम जुर्माना लगाया जा सकता है।

रिटर्न जमा कराने की तारीख 30 अगस्त

जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक के बाद राजस्व सचिव ए बी पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत वार्षिक रिटर्न जमा कराने की तारीख दो महीने बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी गयी है।

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए ईएसआई अंशदान की दर घटा दी है। ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) एक्ट के तहत इसकी दर को 6.5 फीसदी से घटाकर अब चार फीसदी कर दिया गया है। इसमें नियोक्ताओं का अंशदान 4.75 फीसदी से कम कर के 3.25 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, कर्मचारियों को अब 1.75 फीसदी के स्थान पर 0.75 फीसदी अंशदान देना होगा। घटी हुई दरें एक जुलाई 2019 से प्रभावी हो जाएंगी।

सरकार के इस फैसले से 12.85 लाख नियोक्ताओं को हर साल 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी और 3.6 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे। बता दें कि लगभग 12.85 लाख नियोक्ताओं और 3.6 करोड़ कर्मचारियों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में ईएसआई योजना में 22,279 करोड़ रुपये का अंशदान किया। अंशदान की दर में कमी से इन कंपनियों को सालाना कम-से-कम 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख