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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए ईएसआई अंशदान की दर घटा दी है। ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) एक्ट के तहत इसकी दर को 6.5 फीसदी से घटाकर अब चार फीसदी कर दिया गया है। इसमें नियोक्ताओं का अंशदान 4.75 फीसदी से कम कर के 3.25 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, कर्मचारियों को अब 1.75 फीसदी के स्थान पर 0.75 फीसदी अंशदान देना होगा। घटी हुई दरें एक जुलाई 2019 से प्रभावी हो जाएंगी।

सरकार के इस फैसले से 12.85 लाख नियोक्ताओं को हर साल 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी और 3.6 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे। बता दें कि लगभग 12.85 लाख नियोक्ताओं और 3.6 करोड़ कर्मचारियों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में ईएसआई योजना में 22,279 करोड़ रुपये का अंशदान किया। अंशदान की दर में कमी से इन कंपनियों को सालाना कम-से-कम 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी।

इससे और अधिक कामगारों को ईएसआई योजना के अंतर्गत नामांकित कर पाना तथा ज्यादा से ज्यादा श्रमिक बल को औपचारिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना आसान हो सकेगा।

कर्मचारी राज्य बीमा कानून, 1948 के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा, नकदी, मातृत्व, निशक्तता और आश्रित होने के लाभ प्रदान करता है। ईएसआई कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा प्रशासित है। ईएसआई कानून के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाने वाले लाभ नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किए गए अंशदान के माध्यम से वित्त पोषित होते हैं।

सरकार ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज अधिक से अधिक लोगों को देने के लिए दिसंबर 2016 से जून 2017 तक नियोक्ता और कर्मचारियों के विशेष पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया है। योजना का करवेज लाभ विभिन्न चरणों में देश के सभी जिलों तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। कवरेज में वेतन की सीमा एक जनवरी 2017 से 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 21,000 रूपये प्रति माह की गई है।

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