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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

मुंबई: टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री फिलहाल टाटा समूह में अपनी बाकी जगहों पर डटे हुए हैं और वह समूह की कारोबारी कंपनियों के चेयरमैन पद पर बने रहना चाहते हैं। इन कंपनियों में टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और टाटा मोटर्स जैसे कई नाम शामिल जहां वह इस समय प्रमुख के पद पर हैं। मिस्त्री के करीबी एक सूत्र ने बताया कि इन कंपनियों के चेयरमैन पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है। सूत्र ने कहा, ‘वह टाटा समूह में अपने सभी पदों पर अमानतदार के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।’ गौरतलब है कि मिस्त्री को टाटा समूह की मुख्य धारक कंपनी टाटा संस के चेयरमैन पद से 24 अक्तूबर को अचानक से हटा दिया गया था। लेकिन वह अब भी समूह की कारोबारी कंपनियों टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड, टाटा पावर कंपनी, टाटा ग्लोबल बेवरेजेस, टाटा केमिकल्स, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा टेलीसर्विसेज के चेयरमैन हैं। इंडियन होटल्स की चार नवंबर और टाटा केमिकल्स की 10 नवंबर को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता मिस्त्री के करने की ही उम्मीद है।

नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को मंजूरी दे दी गई है। जीएसटी परिषद ने आम सहमति से जीएसटी के लिए 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दरें तय की हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी दर पर सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं। सरकार तय समय सीमा में जीएसटी को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 12 फीसदी और 18 फीसदी जीएसटी के स्टैंडर्ड रेट होंगे। लग्जरी कार और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। लग्जरी कार और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर टैक्स के साथ सेस भी लगेगा। सीपीआई में शामिल 53 फीसदी उत्पाद पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ज्यादा खपत वाले उत्पाद पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। जेटली ने कहा कि सोने पर टैक्स रेट का फैसला बाद में लिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, हमने (जीएसटी परिषद ने) जीएसटी दरों को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तर की दरें तय की गई हैं। प्रमुख बातें इस प्रकार से हैं, जीएसटी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल खाद्यान्न सहित आम व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 50 प्रतिशत वस्तुओं पर शून्य कर लगेगा। आम लोगों की सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी। जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी। जिन वस्तुओं पर इस समय उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत कर लगता है उन पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी।

नई दिल्ली: त्यौहारी मौसम की मांग को भुनाने के लिये भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित कई बैंकों ने ब्याज दरों में कमी सहित ग्राहकों को कई तरह के लाभ देने की पेशकश की है। कई बैंकों ने ऋण आवेदनों पर प्रसंस्करण शुल्क समाप्त करने और ओवरड्राफ्ट सुविधा देने की भी पेशकश की है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 75 लाख रुपये तक आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.15 प्रतिशत और कमी की है। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने आवास ऋण के साथ ही ओवरड्राफ्ट सुविधा की भी पेशकश की है। स्टेट बैंक ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि बैंक का आवास रिण इस समय बाजार में सबसे सस्ता है। यह घर खरीदने वाले नये ग्राहकों को और जिन लोगों ने दूसरे बैंकों से आवास ऋण लिया है उन्हें स्टेट बैंक में अपना आवास ऋण स्थानांतरित करने का सबसे बेहतर अवसर उपलब्ध कराता है। स्टेट बैंक का आवास ऋण 9.15 प्रतिशत पर उपलब्ध होगा जबकि महिलाओं को आवास ऋण 9.10 प्रतिशत की दर पर मिलेगा। आईसीआईसीआई बैंक ने उसके साथ खाता रखने वाले वेतनभोगी तबके को उनकी संपत्ति की गारंटी पर पांच लाख रपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का कर्ज देने की पेशकश की है।

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग का उन्नयन न करने के लिए वैश्विक रेटिंग एजेंसियों को आड़े हाथ लिया। सरकार ने कहा कि इतने सुधार के बाद भी भारत की रेटिंग में सुधार न करने वाली एजेंसियों को आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर निवेशकों का मानना है कि भारत की रेटिंग को ‘कम’ या निचले स्तर पर रखा गया है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा अगले दो साल के लिए भारत की रेटिंग में सुधार की संभावना से इनकार के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि सरकार आर्थिक सुधार और नीतियों की राह पर आगे चलना जारी रखेगी। एसएंडपी ने भारत की रेटिंग को निचले निवेश ग्रेड बीबीबी- पर कायम रखा है। दास ने कहा, ‘यदि रेटिंग में सुधार नहीं होता है, तो यह ऐसा मामला है जो हमें अधिक परेशान नहीं करता है। यह ऐसा सवाल है जिसके जवाब में रेटिंग करने वालों को आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘यह निवेशकों की सोच, या उनके मन में क्या है तथा रेटिंग एजेंसियों के निष्कर्ष में ‘अलगाव’ है। मुझे लगता है कि कहीं किसी तरह के जुड़ाव की कमी है।’ दास ने सरकार द्वारा पिछले दो बरस में उठाए गए कदमों का जिक्र किया। मसलन महंगाई पर नियंत्रण तथा बुनियादी सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा दिवाला संहिता। यदि आप उन चीजों की तुलना करें जिनका उल्लेख रिपोर्ट में है, तो क्या कोई अन्य अर्थव्यवस्था है जो इसके बराबर है।

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