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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

किरकुक: मोसुल में खदेड़े जा रहे आईएस ने रविवार को इराकी शहर तिकरित और समारा में आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया। सुरक्षाबलों को चकमा देते हुए आत्मघाती हमलावरों ने विस्फोटकों से लदी एंबुलेंस से शिया बहुल इलाकों में धमाके किए, जिसमें 23 लोग मारे गए। आईएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। आईएस ने कुर्द नियंत्रण वाले तिकरित में एक चेकप्वाइंट पर धमाका किया, इसमें 13 लोग मारे गए, 30 घायल हुए। दूसरा हमला समारा में शिया के पवित्र स्थल अल असकरी मसजिद के निकट कार पार्किंग में हुआ। इसमें दस लोग मारे गए। वहां भी हमले किए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया। समारा में दो आत्मघाती हमलावरों ने धमाके किए, जबकि तिकरित में एक आत्मघाती हमलावर हमले के पीछे था। समारा में मारे गए लोग इराकी तीर्थयात्री थे। अन्य आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए दोनों ही जगह कफ्र्यू लगा दिया गया है। बगदाद में हमले को मोसुल से सुरक्षाबलों का ध्यान हटाने की रणनीति माना जा रहा है। आईएस ने 2014 में बगदाद के काफी करीब पहुंच गया था, लेकिन अमेरिकी अगुआई वाली नाटो फौज की मदद से इराकी सुरक्षाबलों ने उन्हें पीछे खदेड़ दिया। वहीं आतंकियों ने तिकरित से 50 किलोमीटर दूर तुलुल अल-बज में एक कबायली नेता के घर में घुसकर भी हमला बोला, जिसमें 16 लोग मारे गए।

वाशिंगटन: इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन ने चुनाव के दिन अमेरिकी मतदाताओं के कत्लेआम का आह्वान किया है और मुसलमानों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग नहीं लेने की अपील की है। अमेरिका आधारित एक आतंकी निगरानी संगठन ने यह दावा किया है। एसआईटीआई खुफिया संगठन के निदेशक रित्ज कात्ज ने ट्विटर पर कहा है कि इस्लामिक स्टेट के अल हयात मीडिया सेंटर द्वारा एक आलेख में इन धमकियों का जिक्र किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि आतंकवादी आपका कत्लेआम करने और आपकी मतपेटियों को नष्ट करने आये हैं। यूएसए टूडे की खबर के मुताबिक यह चेतावनी सात पन्नों के घोषणापत्र में दी गई है जिसका शीषर्क ‘द मुर्ताद वोट’ है। आलेख में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की इस्लाम और मुसलमान विरोधी नीतियों में कोई अंतर नहीं बताया गया है।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दौरान बंदूक मौजूद होने का झूठा डर पैदा होने के बाद सुरक्षाकर्मी ट्रंप को मंच से ले गए। अमेरिकी मीडिया ने कानून प्रवर्तन सूत्रों के हवाले से कहा कि नेवादा के रेनो में भाषण के दौरान भीड़ में शोर मच गया था। हालांकि कोई बंदूक नहीं मिली और ट्रंप ने अपना भाषण वापस शुरू किया। सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों द्वारा मंच से ले जाए जाने के कुछ ही मिनट बाद 70 वर्षीय ट्रंप वापस मंच पर आ गए। कुछ ही मिनट बाद, वह घोषणा करते दिखे, ‘किसी ने नहीं कहा कि यह हमारे लिए आसान होने वाला है। लेकिन हम कभी नहीं रूकेंगे, कभी भी नहीं।’ ट्रंप ने कहा, ‘मैं सीक्रेट सर्विस का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। ये लोग अद्भुत हैं। इन्हें पर्याप्त श्रेय नहीं मिलता। ये शानदार लोग हैं।’ जब एजेंट ट्रंप को मंच से लेकर गए, तब दर्शकों में कोलाहल की स्थिति दिखाई दे रही थी लेकिन संदिग्ध को हिरासत में ले लिए जाने पर ट्रंप अपने भाषण के लिए लौट आए। टीवी फुटेज में दिखाया गया कि अधिकारियों को एक संदिग्ध को जमीन पर लिटाए हुए और तलाशी लेते हुए दिखाया गया। इसके बाद उसे स्थानीय कानून प्रवर्तन के अधिकारियों द्वारा ले जाया गया। इन अधिकारियों में राइफलों से लैस कार्रवाई दल भी था।

न्यूयॉर्क: भारतीय-अमेरिकी मतदाता फ्लोरिडा, ओहायो और कोलोराडो जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में हवा बदल सकते हैं। सामुदायिक नेताओं का कहना है कि व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप का भाग्य तय करने में इस समुदाय के मतदाता अह्म भूमिका अदा कर सकते हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल प्रतिद्वंद्वियों के बीच टक्कर कांटे की हो चुकी है। समुदाय के नेता और माउंट सिनाई अस्पताल में मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख भूपी पटेल ने भारतीय-अमेरिकी लोगों से फ्लोरिडा, ओहायो और कोलोराडो में हिलेरी को वोट देने को कहा है। उनके मुताबिक लाल राज्यों (रिपब्लिक पार्टी की ओर रूझान वाले राज्य) में समुदाय के मतदान का महत्व 30 से 40 फीसदी ज्यादा होगा। इस हफ्ते संवाददाता सम्मेलन में पटेल ने कहा, ‘भारतीय-अमेरिकी लोगों के मतों का महत्व है। अगर आप कोई चुनाव 400-500 मतों से हार सकते हैं तो फ्लोरिडा जैसे राज्यों में भारतीय-अमेरिकी लोगों का 30 से 40 फीसदी वोट डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों के महत्वपूर्ण होगा और वे हमारे महत्व को समझेंगे।’ उन्होंने बताया कि 70 फीसदी भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट हैं।

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