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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून के दायरे में लाकर उसके आतंकवाद से संबंध होने को मौन स्वीकृति दे दी है। डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक पंजाब सरकार ने सईद और उसके करीबी सहयोगी काजी काशिफ को आतंकवाद निरोधक कानून (एटीए) की चौथी अनुसूची में डाल दिया है। इस सूची में तीन अन्य लोगों अब्दुल्ला ओबद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद के नाम भी शामिल किए गए हैं। सईद सहित चार अन्य को उसकी पार्टी और राजनीतिक सहयोगियों के गुस्से और हंगामे के बीच 30 जनवरी को नजरबंद किया गया था। सईद को 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था लेकिन 2009 में अदालत ने उसे रिहा कर दिया था। खबर के अनुसार गृह मंत्रालय ने इन पांच लोगों की पहचान जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत के सक्रिय सदस्य के रूप में की है। मंत्रालय ने आतंकवाद निरोधक विभाग को इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। खबर के मुताबिक चौथी अनुसूची में सिर्फ नाम शामिल होना ही यह बताता है कि उस व्यक्ति का किसी न किसी तरह से आतंकवाद से संबंध हैं। इस सूची में शामिल लोगों को यात्रा प्रतिबंध और संपत्तियों की जांच का सामना करना पड़ सकता है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम बिल को सीनेट ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा। हिन्दू विवाह बिल 2017 को कल सीनेट ने पारित कर दिया। यह हिन्दू समुदाय का पहला विस्तारित पर्सनल लॉ है। निचला सदन या नेशनल असेम्बली विधेयक को 15 सितंबर 2015 को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और कानून का रूप लेने के लिए इसे केवल राष्ट्रपति के दस्तखत की दरकार है जोकि मात्र एक औपचारिकता है। ‘डॉन न्यूज’ ने खबर दी है कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू इस बिल को व्यापक तौर पर स्वीकार करते हैं क्योंकि यह शादी, शादी के पंजीकरण, अलग होने और पुनर्विवाह से संबंधित है। इसमें लड़के और लड़की दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है। इस विधेयक की मदद से हिन्दू महिलाएं अब अपने विवाह का दस्तावेजी सबूत हासिल कर सकेंगी। यह पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए पहला पर्सनल लॉ होगा जो पंजाब, बलूचिस्तान और खबर पख्तूनख्वा प्रांतों में लागू होगा। सिंध प्रांत पहले ही अपना हिन्दू विवाह विधेयक तैयार कर चुका है। विधेयक को सीनेट में कानून मंत्री ज़ाहिद हमीद ने पेश किया जिसका किसी ने विरोध नहीं किया। यह इसलिए हुआ क्योंकि प्रासंगिक स्थायी समितियों में सभी सियासी पार्टियों के सांसदों ने हमदर्दी वाला नजरिया जाहिर किया था। ‘सीनेट फंक्शनल कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स’ ने दो जनवरी को जर्बदस्त बहुमत के साथ बिल को मंजूरी दी थी।

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रांत सिंध के सहवान में लाल शाहबाज कलंदर सूफी दरगाह पर आईएसआईएस के आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट के एक दिन बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में शुक्रवार को 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। सेना की मीडिया इकाई आईएसपीआर ने कहा कि बीती रात से बड़ी संख्या में संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। बयान में यह नहीं स्पष्ट नहीं किया गया है कि आतंकवादी कहां मारे गए अथवा कहां से गिरफ्तार किए गए। उसने कहा कि विवरण साझा किया गया जाएगा। दरगाह पर हुए आत्मघाती हमले में 88 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 250 लोग घायल हो गए थे। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने लोगों को विश्वास दिलाया कि दुश्मनी के एजेंडा को सफल नहीं होने दिया जाएगा, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े। अधिकारियों ने बताया कि आगामी दिनों में कार्रवाई और तेज कर दी जाएगी क्येांकि सरकार ने आतंकवाद का सफाया करने का संकल्प लिया है। पाकिस्तान में सप्ताहांत से हुए कम से कम आठ आतंकवादी हमलों के बाद संघीय एवं प्रांतीय सरकारों ने एक साथ कार्रवाई शुरू की है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में इस सप्ताह इस बात पर सहमति जताई गई कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले आतंकवादियों को मिटा दिया जाना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि दरगाह में हुए विस्फोट में घायल हुए कई लोगों की हालत नाजुक है और उन्हें कराची के अस्पताल में ले जाया जाएगा।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज (शुक्रवार) कहा कि उनके पूर्ववर्ती आदेश पर अदालत द्वारा जताई गई चिंताओं के समाधान के लिए वह अगले सप्ताह एक नया शासकीय आदेश जारी करेंगे। ट्रंप ने पहले एक आदेश जारी करके सीरियाई शरणार्थियों और मुस्लिम बहुल सात देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी थी। ट्रंप ने आनन फानन में व्हाइट हाउस में आयोजित किए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘नया (शासकीय) आदेश उस निर्णय के अनुसार तैयार किया जा रहा है जो मुझे लगता है कि एक खराब फैसला था लेकिन हम उस फैसले के अनुरूप आदेश तैयार कर सकते हैं।’इसके कुछ ही देर बात न्याय विभाग ने कार्यवाही को रोकने के लिए सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में अनुरोध किया। नाइंथ यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने बीते गुरूवार को मामले में कार्यवाही को रोक दिया। अदालत ने ट्रंप के शासकीय आदेश पर सीएटल की एक संघीय अदालत द्वारा लगाई गई रोक को हटाने से पिछले सप्ताह इनकार कर दिया था। ट्रंप ने 27 जनवरी को शासकीय आदेश दिया था कि ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों पर 90 दिनों तक अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध होगा और शरणार्थियों के प्रवेश पर 120 दिनों का प्रतिबंध होगा। सीरिया के शरणार्थियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया गया। ट्रंप ने कहा कि उनका नया शासकीय आदेश तैयार किया जा रहा है।

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