ताज़ा खबरें

वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि भारत-एशिया प्रशांत क्षेत्र में रूस और चीन अमेरिका के लिए चुनौती उत्पन्न करते हैं। कमांडर ने साथ ही कहा कि अमेरिका इन देशों के साथ कोई संघर्ष नहीं चाहता। अमेरिकी प्रशांत कमांड या पीएसीओएम के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा, ‘मेरे सहित कोई भी संघर्ष नहीं चाहता। मैंने अक्सर कहा है कि मैं सहयोग को प्राथमिकता देता हूं ताकि हम सम्मिलित रूप से अपनी साझा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान कर सकें।’ उन्होंने ‘द व्यू फ्रॉम द इंडो-एशिया पैसिफिक’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका को भारत-एशिया प्रशांत क्षेत्र में रूस और चीन की ओर से चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी उन समझौतों का सम्मान करता प्रतीत नहीं हो रहा जो उन्होंने इसको लेकर किये हैं। उन्होंने कहा, ‘रूस और चीन दोनों को चयन करना होगा। वे नियम आधारित सुरक्षा आदेश का अनादर चुन सकते हैं जिससे उनके सहित सभी देशों को दशकों तक लाभ हुआ है या वे जिम्मेदार हितधारक के तौर पर उसमें योगदान कर सकते हैं। मैं बाद वाले की उम्मीद करता हूं लेकिन मुझे पहले वाले के लिए तैयार रहना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘यद्यपि मैं इसको लेकर बिल्कुल स्पष्ट रहा हूं कि हम साझा प्रक्षेत्र को एकपक्षीय तौर पर बंद नहीं करने देंगे। मैंने यह पहले भी कहा है, लेकिन उसे अब दोहराना सही है। हम वहां सहयोग करेंगे जहां हम कर सकते हैं लेकिन हम वहां सामना करने के लिए तैयार रहेंगे जहां हमें यह करना चाहिए।’

सोल: प्योंगयांग की सरकारी मीडिया ने गुरुवार को मलेशिया पर निशाना साधते हुये कहा कि उत्तर कोरिया के नेता के सौतेले भाई बताए जा रहे व्यक्ति का शव परीक्षण ‘अवैध और अनैतिक’ है। उत्तर कोरिया की मीडिया ने किम की हत्या के 10 दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। केसीएनए ने उत्तर कोरियाई जुरिस्ट समिति के एक बयान को उद्धृत करते हुए कहा कि मलेशिया शव को उत्तर कोरिया को देने के लिए बाध्य है और उसने शव का परीक्षण और फॉरेंसिक जांच अवैध और अनैतिक तरीके से की है। उसने कहा कि मलेशिया ने यह ‘बेतुका बहाना’ बनाकर शव का हस्तांतरण नहीं किया है कि उसे मृतक के परिवार से डीएनए नमूने की जरूररत है। इसमें कहा गया कि यह साबित करता है कि मलेशियाई पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून और नैतिकता की उपेक्षा कर शव के हस्तांतरण का राजनीतिकरण करने जा रहा है। दक्षिण कोरिया ने रविवार को कहा कि सोल इस बात को लेकर निश्चित है कि मृत व्यक्ति किम जोंग-उन का सौतेला भाई किम जोंग-नाम है और मलेशियाई जांच से यह पता चलता है कि व्यक्ति की हत्या के पीछे प्योंगयांग का हाथ है।

लाहौर: शहर के रक्षा इलाके में आज भीषण विस्फोट होने से कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और 35 अन्य घायल हो गए। आतंकी हमलों से जूझ रहे पाकिस्तान के इस शहर में इस महीने यह ऐसी दूसरी घटना है। यह विस्फोट लाहौर में रक्षा आवासीय प्राधिकरण के जेड ब्लॉक में दोपहर से कुछ पहले हुआ जिसके बाद इलाके में दहशत फैल गई। अधिकारियों ने बताया, ‘आठ व्यक्ति विस्फोट में मारे गए और 35 घायल हो गए।’ विस्फोट की प्रकृति का अभी पता नहीं चल पाया है। बम निष्क्रिय दस्ता और फॉरेन्सिक विशेषज्ञ विस्फोट स्थल से सबूत एकत्र कर रहे हैं। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नियाब हैदर ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि विस्फोटक उपकरण लगाया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इसमे 8-10 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। इलाके की घेराबंदी कर दी गयी है और एक तलाशी अभियान शुरू किया गया है। विस्फोट में कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। घायलों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। टीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि र्छे के बिखराब के कारण वाणिज्यिक क्षेत्र के कई कार्यालयों और रेस्टोरेंटों के खिड़कियों के शीशे टूट गये हैं। विस्फोट स्थल से 100 फुट की दूरी पर खड़ी कारों की खिड़कियां टूट गयी हैं और कारों को बहुत नुकसान पहुंचा है। निवासियों को इमारतों से बाहर निकाल लिया गया है। विस्फोट जेड ब्लॉक मार्केट में हुआ जहां कई रेस्तरां हैं और अक्सर युवा जोड़े वहां आते जाते हैं।

वॉशिंगटन: अमेरिका में बिना दस्तावेजों के रह रहे करीब 1.1 करोड़ आव्रजकों को उनके देश वापस भेजने संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना से करीब तीन लाख भारतीय-अमेरिकियों के प्रभावित होने की आशंका है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने संघीय आव्रजन कानूनों को लागू करने के तरीकों में अभूतपूर्व तरीके से विस्तार कर बिना दस्तावेजों वाले लाखों आव्रजकों को उनके देश वापस भेजने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। आंतरिक सुरक्षा विभाग ने कानून लागू करने संबंधी एक मेमो में कहा, ‘विभाग अब प्रभावी क्रियान्वयन से वर्गो या श्रेणियों के एलियनों को छूट नहीं देगा।’ उसमें कहा गया है, ‘विभाग के कर्मचारियों को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने या पकड़ने की पूरी छूट होगी जिनपर उन्हें आव्रजन कानून का उल्लंघन करने का संदेह होगा।’ आंतरिक सुरक्षा विभाग ने आव्रजन संबंधी दो मेमो जारी किए हैं। यह अन्य कानूनों के साथ-साथ अवैध आव्रजकों को उनके देश वापस भेजने के नियमों को कड़ा बनाता है। पूरा जोर आपराधिक आव्रजकों पर है, लेकिन इससे दूसरों के लिए भी दरवाजा खुला हुआ है। गैर-आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अवैध आव्रजकों में करीब तीन लाख भारतीय-अमेरिकी हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख