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वॉशिंगटन: अमेरिका के रक्षामंत्री जिम मैटिस ने दुनिया भर में आईएसआईएस को हराने के लिए व्हाइट हाउस को प्राथमिक योजना पेश की है जिसमें आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रीय शक्ति के तमाम तत्वों की तैनाती की सलाह दी गई है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘रक्षा विभाग ने आईएसआईएस को हराने के लिये आज अपनी प्राथमिक योजना पेश की।’ स्पाइसर ने कहा, ‘यह योजना रक्षा मंत्री मैटिस ने पेश की जो आज पेश विकल्प के बारे में अहम पक्षों को जानकारी दे रहे हैं और उनकी सलाह एवं सुझाव मांग रहे हैं।’ इस योजना का एक हिस्सा यह सुनिश्चित करना है कि वह अपनी सिफारिशों पर मुकम्मल चर्चा करें और अन्य साझेदारों की सलाह और सुझाव लें। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, ‘इससे हमें यह जानने में मदद मिल सकती है कि यहां से हमें कहां और कैसे जाना है।’ पेंटागन के प्रेस सचिव जेफ डेविस ने कहा, ‘यह महज कोई सैन्य योजना नहीं है। यह राष्ट्रीय शक्ति - कूटनीतिक, वित्तीय, साइबर, खुफिया और लोक कूटनीति के सभी तत्वों की मदद लेती है और हमारे अंतर एजेंसी सहयोगियों के साथ बेहद करीबी समन्वय से इसे तैयार किया गया है।’ डेविस ने कहा, ‘योजना पूरी तरह से अंतर-क्षेत्रीय है। यह सिर्फ इराक और सीरिया के बारे में नहीं, बल्कि पूरे विश्व में आईएसआईएस और अलकायदा जैसे अन्य अंतरराष्ट्रीय हिंसक चरमपंथी संगठनों को हराने के बारे में है।’

ह्यूस्टन: अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पिछले हफ्ते कंसास में एक भारतीय इंजीनियर की हत्या के बाद घृणा अपराध के खिलाफ बोलने का आह्वान किया है। हिलेरी क्लिंटन ने ट्विटर पर कहा, ‘डर और घृणा अपराधों में वृद्धि हो रही है। उन्हें इस पर कदम उठाना चाहिए और बोलना चाहए।’ ट्रंप ने अभी तक पिछले बुधवार की रात को हुई गोलीबारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है। घृणा अपराध के तहत की गई गोलीबारी में भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोटला की मौत हो गई थी और एक भारतीय आलोक मदसानी सहित दो अन्य व्यक्ति घायल हो गये थे। हालांकि व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस घटना को घृणा अपराध कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। स्पाइसर ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में भी गोलीबारी का जिक्र किया। वह सेंट लुइस और फिलाडेल्फिया में यहूदी कब्रिस्तानों को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त करने की घटना पर राष्ट्रपति की चिंताओं को व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा, ’अमेरिका में किसी को भी स्वतंत्र रूप से और खुले तौर पर अपनी पसंद के धर्म का पालन करने में डर महसूस नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति हमारे राष्ट्र के इस सिद्धांत के संरक्षण के लिए समर्पित हैं।’ व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा, ‘मैं कानूनी एजेंसियों के कहने से पहले कुछ नहीं कहना चाहता लेकिन मुझसे कंसास में हुई गोलीबारी के बारे में पूछा गया। हालांकि घटनाक्रम के बारे में पूरी जानकारी अभी धीरे धीरे मिल रही है लेकिन कंसास से मिली शुरूआती खबरें परेशान करने वाली हैं।’

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने कहा है कि कंसास से मिल रही प्रारंभिक खबरें चिंता पैदा करने वाली हैं, जहां स्पष्ट रूप से घृणा अपराध के मामले में एक भारतीय इंजीनियर की गोली मारकर हत्या कर दी गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। व्हाइट हाउस ने अमेरिका में यहूदी समुदाय के खिलाफ कथित घृणा अपराधों की भी निंदा की है। दैनिक संवाददाता सम्मेलन में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, ‘कंसास से मिल रही प्रारंभिक खबरें चिंता पैदा करने वाली हैं।’’ 51 वर्षीय अमेरिकी पूर्व नौसैन्य कर्मी एडम पुरिंटन ने श्रीनिवास कुचिभोटला की गोली मारकर हत्या कर दी और 32 वर्षीय आलोक मदसानी को घायल कर दिया। एडम ने नस्लीय टिप्पणी करते हुए उन्हें कहा ‘मेरे देश से बाहर निकल जाओ। ’ कंसास के ओलाथे में ऑस्टिन्स बार एंड ग्रिल में हुई गोलीबारी की इस घटना में 24 वर्षीय अमेरिकी इयान ग्रिलोट ने बीच बचाव करने की कोशिश की और वह भी इस दौरान घायल हो गया। स्पाइसर ने यहूदी समुदाय के खिलाफ कथित घृणा अपराधों की भी निंदा की और कहा कि धर्म एवं नस्ल के आधार पर हिंसा का कोई स्थान नहीं है।

इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की शीर्ष राजनयिक मलीहा लोधी ने आज ऑस्कर जीतने वाले मुस्लिम अभिनेता महरशला अली को मुबारकबाद देने वाला अपना ट्वीट हटा लिया। दरअसल उनकी इस बात के लिए आलोचना की गई थी कि वह एक अहमदिया मुस्लिम को बढ़ावा दे रही हैं, जिन्हें पाकिस्तान में मुसलमान नहीं माना जाता। अली ने ‘मूनलाइट’ में शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का पुरस्कार जीता। ऑस्कर जीतने वाले वह पहले मुस्लिम अभिनेता बन गए हैं। मलीहा ने अली को मुबारकबाद देते हुए ट्वीट किया, लेकिन फिर उनकी आलोचना होने लगी। बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। अली ने 1999 में इस्लाम धर्म स्वीकार किया और 2001 में अहमदिया समुदाय में शामिल हो गए। पाकिस्तान की संसद ने 1974 में अहमदिया समुदाय को गैर मुस्लिम घोषित किया।

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