तेल अवीव: इजरायल के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में अपने अरबी भाषा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक मैप साझा किया है, जिसमें बाइबिल में शामिल प्राचीन यहूदी राज्य की सीमाओं को दिखाया गया है। इस मैप के पब्लिश होने के बाद सऊदी अरब, जॉर्डन, और अन्य अरब देशों में आक्रोश फैल गया है। अरब देशों का मानना है कि यह इजरायल की विस्तारवादी योजनाओं का संकेत है। आइए समझते हैं कि इस मैप के पीछे क्या है और ग्रेटर इजरायल प्लान क्या है।
जॉर्डन और अरब लीग की निंदा
सऊदी अरब ने इस मैप को खारिज करते हुए कहा कि यह इजरायल की कब्जे को मजबूत करने की मंशा को दर्शाता है। सऊदी अधिकारियों ने इसे राज्यों की संप्रभुता पर खुलेआम हमला और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया। जॉर्डन ने इस मैप को इजरायल की विस्तारवादी योजना का हिस्सा बताया। अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घेइत ने इसे भड़काऊ कार्रवाई करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम चरमपंथ और अतिवाद को बढ़ावा दे सकते हैं।
वहीं कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी इस मैप की निंदा की। दोनों देशों ने इसे कब्जे को बढ़ाने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया।
क्या है ग्रेटर इजरायल प्लान?
ग्रेटर इजरायल की अवधारणा यहूदी धर्म और जायोनिस्ट आंदोलन में एक महत्वपूर्ण विचार रही है। इस योजना में एक ऐसे यहूदी राज्य की कल्पना की गई है, जिसकी सीमाएं मिस्र की नील नदी से यूफ्रेट्स नदी तक और मदीना से लेबनान तक फैली हों।
ग्रेटर इजरायल की परिकल्पना
समाप्त इलाकों की सीमा: इस योजना में मिस्र, लेबनान, इराक, सऊदी अरब, और फिलिस्तीन के साथ ही पूरा जॉर्डन शामिल है।
प्राचीन यहूदी राज्य: ग्रेटर इजरायल की परिकल्पना प्राचीन यहूदी राज्य की सीमाओं के आधार पर की गई है, जिसमें माउंट सिनाई और अन्य यहूदी पवित्र स्थल शामिल हैं।