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चंडीगढ़ (जनादेश ब्यूरो): पंजाब के किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि अगर आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ कुछ अनहोनी हो जाती है तो केंद्र उसके बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति को नहीं संभाल पाएगा।

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने जोर देकर कहा कि केंद्र को किसानों के मुद्दों को गंभीरता से हल करना चाहिए। किसानों के अनुसार, डल्लेवाल की सेहत हर दिन ‘‘बिगड़ती’’ जा रही है और ‘‘उनके साथ कुछ भी हो सकता है।’’

 किसान नेता डल्लेवाल का आमरण अनशन 43वें दिन भी जारी

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 26 नवंबर 2024 से आमरण अनशन पर हैं। डल्लेवाल का मंगलवार को 43वें दिन भी आमरण अनशन जारी रहा और उन्होंने कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इंकार कर दिया है। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन’ की टीम के सदस्य डॉ. अवतार सिंह ने कहा कि सोमवार शाम को डल्लेवाल की हालत और बिगड़ गई।

चिकित्सक ने बताया कि उनका रक्तचाप गिर गया और बिस्तर पर लेटे-लेटे ही उन्हें उल्टी होने लगी थी। उन्होंने कहा कि उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है और उनके साथ कुछ भी हो सकता है। इस बीच, सरकारी चिकित्सकों की एक टीम ने खनौरी सीमा पर डल्लेवाल के स्वास्थ्य की जांच की।

किसानों ने बताया कि डल्लेवाल की हालत मंगलवार को भी गंभीर बनी रही और वह किसी से बात तक नहीं कर पा रहे हैं। किसान नेता कोहाड़ ने कहा, ‘‘भगवान न करे अगर डल्लेवाल जी के साथ कुछ अनहोनी हो जाए तो शायद केंद्र सरकार स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाएगा।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र को प्रयास करना चाहिए कि स्थिति उस स्तर तक न पहुंचे।

कोहाड़ ने कहा, ‘‘अगर डल्लेवाल को कुछ हुआ तो केंद्र की मौजूदा सरकार के कार्यकाल पर ऐसा ‘धब्बा’ लग जाएगा जो शायद कभी साफ नहीं हो पाएगा।’’

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई व्यक्ति आमरण अनशन पर बैठा हो और सरकार उस पर कोई ध्यान नहीं दे रही हो।

कोहाड़ ने बताया कि किसानों की मांगों के प्रति केंद्र के रवैये के खिलाफ 10 जनवरी को पूरे देश में भाजपा सरकार के पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘डल्लेवाल देश के किसानों का भविष्य बचाने के लिए लड़ रहे हैं।

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